नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला भगवा विचारक और संस्थापक को श्रद्धांजलि के रूप में याद किया जाएगा. कुमार ने एक बयान में कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती राज्य के लिए विशेष संवैधानिक विशेषाधिकार अब इतिहास में चले गए हैं, केंद्र को अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को मुक्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. Article 370 Verdict: अस्थाई था आर्टिकल 370, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग.
VHP नेता ने कहा, "अब जम्मू-कश्मीर में एकमात्र अधूरा एजेंडा पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान के चंगुल से छुड़ाना है. हमें विश्वास है कि एक मजबूत भारत और एक दृढ़ सरकार जल्द ही पीओके को मुक्त कराने में सक्षम होगी.'' कुमार ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा. सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस बात को रेखांकित करता है 1947-48 में महाराजा हरि सिंह द्वारा हस्ताक्षरित विलय पत्र अंतिम, वैध और अपरिवर्तनीय था. कुछ राजनीतिक गलतफहमियों के कारण तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने अनुच्छेद 370 के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था.” उन्होंने आगे कहा, मुझे उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में चल रहा विकास निर्बाध रूप से जारी रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है, जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं. इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है." शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा, 'राष्ट्रपति के पास आर्टिकल 370 हटाने का हक. आर्टिकल 370 हटाने का फैसला संवैधानिक तौर पर सही था. संविधान के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर पर लागू होते हैं. ये फैसला जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए था.'
अनुच्छेद 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के संघ के साथ संवैधानिक एकीकरण के लिए था और यह विघटन के लिए नहीं था, और राष्ट्रपति घोषणा कर सकते हैं कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो गया है."