नयी दिल्ली, नौ नवंबर: कतर की एक अदालत द्वारा पिछले महीने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को सुनाई गयी मौत की सजा के खिलाफ एक अपील दायर की गई है. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोहा में भारतीय दूतावास को मंगलवार को बंदी भारतीयों से एक बार फिर राजनयिक पहुंच प्रदान की गई थी और भारत उन्हें सभी कानूनी और राजनयिक सहायता प्रदान करता रहेगा. विदेश मंत्रालय ने नागरिकों को दी चेतावनी, कहा- विदेशों में नौकरी के लालच में ना फंसें.
विदेश मंत्रालय ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जजमेंट गोपनीय है. ये लीगल टीम के साथ साझा की गई है. साथ ही भारत ने अपील दाखिल कर दी है. हम कतर के अधिकारियों के साथ संपर्क में है और उनके परिवार के साथ भी संपर्क में है. विदेश मंत्री ने भी उनके साथ मुलाकात की थी. 7 नवंबर को काउंसलर एक्सिस मिला और हम उन आठ भारतीयों से मिले हैं. ये मामला बहुत ही संवेदनशील है.
कतर की ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस’ ने 26 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने इस फैसले को अत्यंत स्तब्ध करने वाला बताया और कहा कि मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा.
बागची ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘मामले में पहले ही अपील दायर की गई है.’’ निजी कंपनी ‘अल दहरा’ के साथ काम करने वाले इन भारतीय नागरिकों को पिछले साल अगस्त में कथित रूप से जासूसी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को कतर या भारत के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया है.
कतर की अदालत की व्यवस्था पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि वह इस मामले को अत्यंत महत्व दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है. भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों के खिलाफ आरोप 25 मार्च को दाखिल किये गये थे और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया.