आंध्र प्रदेश: चित्तूर जिले में एक 50 वर्षीय व्यक्ति ने मंगलवार को इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उसे लगा कि वो नॉवेल कोरोनॉयरस से पीड़ित है. तिरुपति में शख्स का इलाज करनेवाले डॉक्टरों ने पुष्टि की कि वह वायरल बुखार से पीड़ित थे और उनमें कोरोनोवायरस के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए थे. उनके रिश्तेदारों ने मीडिया को बताया कि उनकी पत्नी और बच्चे को संक्रमण न फैले इसलिए आत्महत्या कर ली. चित्तूर जिले के थोटमबेडु मंडल के सेशमनिदु कंदरिगा गांव के मूल निवासी बाला कृष्ण के रूप में पहचाने जाने वाले इस व्यक्ति ने कोरोनवायरस से संबंधित अपने मोबाइल फोन में वीडियो देख रहे थे, वो वायरल बुखार से पीड़ित थे, वीडियो देखने के बाद उन्हें लगने लगा कि वो कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं. मंगलवार को कृष्णा ने अपने परिवार को अपने घर में बंद कर दिया और अपनी मां की कब्र पर गए. यह भी पढ़ें: CoronaVirus: केरल में कोरोनावायरस का तीसरा पॉजिटिव केस, चीन के वुहान से लौटा था मरीज
कृष्णा की पत्नी लक्ष्मी देवी ने अपने पड़ोसियों से दरवाजा खुलवाया और जब तक वहां पहुंची कृष्णा ने अपनी मां की कब्र के पास एक पेड़ से खुद को लटका लिया था. आंध्र प्रदेश में अब तक नॉवेल कोरोनोवायरस के किसी भी मामले की रिपोर्ट नहीं मिली है. कृष्णा के बेटे बाला मुरली, जो गांव में स्वयंसेवक के रूप में काम करते हैं, उन्होंने कहा कि उनके पिता पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उन्होंने 5 फरवरी को तिरुमाला के एसवीआरआर सरकारी अस्पताल से इलाज करा रहे थे. डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह एक वायरल संक्रमण से पीड़ित थे और उन्हें मास्क पहनने की सलाह दी थी ताकि संक्रमण दूसरों तक न फैले. तिरुपति में कुछ दिन बिताने के बाद, कृष्णा रविवार को गांव लौटे और अपने परिवार के सदस्यों को बताया कि, उन्हें कोरोनोवायरस है और उन्हें उनके करीब नहीं आने की चेतावनी दी. जब परिवार के सदस्यों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने उन पर पथराव किया और उन्हें भगा दिया.
मुरली ने कहा,'मेरे पिता ने सोमवार को पूरे दिन कोरोनोवायरस-संबंधित वीडियो देखे और यह कहते रहे कि उनके समान लक्षण हैं. उन्होंने हम पर हमला किया जब हमने उन्हें यह बताने की कोशिश की कि वह घातक बीमारी से पीड़ित नहीं हैं, ”
मुरली ने कहा कि अपने पिता की मानसिक रूप से परेशान अवस्था को देखने के बाद, उन्होंने राज्य सरकार के एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 100 पर फोन लगाया और काउंसिलिंग की मांग की. मुरली ने कहा, "उन्होंने मुझे बताया कि अगर मेरे पिता हाल ही में चीन नहीं गए तो चिंता की कोई बात नहीं है. अगर किसी ने समय रहते जवाब दिया होता तो मेरे पिता जीवित रहते.