अमरावती, 13 सितंबर : आंध्र प्रदेश के सात जिलों में हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन का काम आज पूरा हो जाएगा. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को शुक्रवार शाम तक कार्य पूरा करने को कहा है. सीएम ने प्रक्रिया पूरी करने में हो रही देरी के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को फटकार लगाई. उन्होंने पूछा कि अगर इतना समय लग रहा है तो पीड़ितों को मुआवजा कब मिलेगा?
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुए नुकसान के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. वे नुकसान के बारे में जानकारी न देने के लिए अधिकारियों से नाखुश थे. उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि जब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, तो नुकसान का आकलन करने में उन्हें इतना समय क्यों लगा. यह भी पढ़ें : वाराणसी में 1 सिगरेट के लिए मर्डर! आधी रात को दुकान खोलने से किया इंकार, बदमाशों ने गोली मारकर की हत्या
सीएम नायडू ने कहा कि बाढ़ में हुए नुकसान का ब्यौरा पूरा तैयार करने के बाद ही केंद्र को भेजा जा सकेगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार को केंद्र से जल्द सहायता मिले, इसके लिए बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन जल्द से जल्द करना पड़ेगा. केंद्र सरकार की एक टीम ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और इस महीने की शुरुआत में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया. यह टीम दो दिन तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रही और नुकसान का आकलन किया.
एनटीआर, कृष्णा, गुंटूर और बापटला जिलों का दौरा करने के बाद टीम ने मुख्यमंत्री नायडू से मुलाकात की, जिन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि केंद्र सरकार सहायता प्रदान करे. मुख्यमंत्री ने टीम से कहा कि यह एक बड़ी आपदा है और केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जानी चाहिए. सीएम नायडू ने बताया कि विजयवाड़ा और उसके आसपास के इलाकों में 48 घंटों में रिकॉर्ड 50 सेमी बारिश हुई और इसके कारण जो विनाश हुआ, वह कृष्णा बैराज के इतिहास में कभी नहीं देखी गई तबाही है.
उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने पर्याप्त राहत पैकेज नहीं दिया तो इस आपदा से उबरना मुश्किल होगा. उन्होंने टीमों को बताया कि बाढ़ इतनी बड़ी आपदा थी कि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी चौबीसों घंटे काम किया और ड्रोन के जरिए खाद्य पदार्थ और दवाइयां पहुंचाई गईं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ. सीएम ने कहा कि राहत कार्यों की निगरानी के लिए वह विजयवाड़ा में एनटीआर जिला कलेक्टर कार्यालय में 10 दिनों तक डेरा डाले रहे.
भारी बारिश और बाढ़ ने 46 लोगों की जान ले ली और प्रभावित जिलों में भारी संपत्ति का नुकसान हुआ है. इस आपदा से 6.44 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 2.15 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि फसलों को नुकसान पहुंचा, जिससे 2.70 लाख से अधिक किसान प्रभावित हुए. 19,735 हेक्टेयर से अधिक बागवानी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है.