अमृतसर ट्रेन हादसा: जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, मौत के मुंह से ऐसे निकल आया 13 साल का बच्चा, परिवार है हैरान
इस बीच एक करिश्मा भी हुआ है. एक 13 साल का बच्चा इस हादसे से जिंदा बच निकला. बच्चे के माता-पिता ने उसे ढूंढने की तमाम कोशिशें की लेकिन जब वह नहीं मिला तो उन्हें भी लगा कि उनका बेटा भी उसी भीड़ के साथ काल बनी ट्रेन की चपेट में आ गया.
अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में दशहरे के दिन हुए रेल हादसे में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई. यहां रावण दहन देख रहे लोगों को तेज रफ्तार ट्रेन रौंदती चली गई, हादसे में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई. इस बड़े हादसे में 70 से ज्यादा लोग घायल भी हुए. हादसे के बाद अभी तक लाशों की शिनाख्त जारी है. अमृतसर में इन दिनों चारों तरफ बस गम का माहौल है, लेकिन इस बीच एक करिश्मा भी हुआ है. एक 13 साल का बच्चा इस हादसे से जिंदा बच निकला. बच्चे के माता-पिता ने उसे ढूंढने की तमाम कोशिशें की लेकिन जब वह नहीं मिला तो उन्हें लगा कि उनका बेटा भी उसी भीड़ के साथ काल बनी ट्रेन की चपेट में आ गया.
यह बच्चा जिंदा है और घरवालों से बिछड़कर दिल्ली पहुंच गया था, और अब अपने घर वालों को मिल भी गया है. 13 साल के इस बच्चे का नाम अर्शदीप सिंह है. यह अमृतसर के गांव नौशहरा पन्नुआं निवासी फूल सिंह का बेटा है. अर्शदीप सिंह भी दशहरा वाले दिन रावण गहन देखने के लिए निकला था, लेकिन वह घर नहीं लौटा. मां-बाप को लगा कि बेटा भी ट्रेन की चपेट में आ गया. अमृतसर हादसा: सिर कटी हुई लाश का हुआ DNA टेस्ट, नहीं आया अब तक कोई दावेदार
वे उसे लाशों की ढेर में ढूंढते रहे लेकिन अर्शदीप की न तो लाश मिली और न ही घायलों में उसकी खबर. सारी उम्मीद खो बैठे मां-बाप को जब उनका बीटा सही सलामत होने की खबर मिली तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. उन्हें किसी अज्ञात द्वारा पता चला कि अर्शदीप जिंदा है और दिल्ली में है.
अर्शदीप के पिता फूल सिंह ने मीडिया को बताया कि वे जोड़ा फाटक के पास ही रहते हैं. उनका बेटा अर्शदीप शाम को घर से निकला था. कुछ देर बार उन्हें फाटक पर हादसे की खबर मिली, तो उनके होश उड़ गए. अनहोनी की आशंका से वे तुंरत घटनास्थल पर पहुंचे. बेटे को इधर उधर तलाशा, दोस्तों से पता किया लेकिन वह नहीं मिला. न ही वह खुद घर लौटा.
फूल सिंह ने बताया कि वे अर्शदीप को तलाशन के लिए अस्पताल भी गए, लेकिन वह नहीं मिला. न ही किसी तरह की बात सुनने में आई. इस बीच मंजू गुप्ता नाम की लड़की का फोन आया. उसने अर्शदीप को तलाशने में मदद करने को कहा. उन्होंने सोशल मीडिया पर अर्शदीप की फोटो अपलोड कर दी.
दिल्ली में काम करने वाली साथ नाम की एक संस्था ने अर्शदीप की फोटो देखी और मंजू से संपर्क करके उसे बच्चे के जिंदा और सही सलामत होने की खबर दी. मंजू ने फूल सिंह को बताया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मंगलवार को वे और मंजू अर्शदीप को वापस ले आए.