नई दिल्ली, 14 सितंबर : अमृतसर (Amritsar) में ठाकुरद्वारा सनातन मंदिर पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. मोहाली स्थित विशेष एनआईए अदालत में दायर आरोप पत्र में विशाल गिल उर्फ चूची, भगवंत सिंह उर्फ मन्ना भट्टी और दीवान सिंह उर्फ सनी को हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में उनकी भूमिका के लिए आरोपी बनाया है. दो बाइक सवार हमलावरों ने 15 मार्च 2025 को मंदिर पर ग्रेनेड फेंका था. एनआईए ने बताया कि विशाल गिल हमले को अंजाम देने वाले दो बाइक सवारों में से एक था. वहीं भगवंत सिंह पर हमलावरों को शरण देने, ग्रेनेड छिपाने, मोटरसाइकिल मुहैया कराने और अन्य लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने में मदद की.
आरोप पत्र के मुताबिक दीवान सिंह उर्फ सनी पर सह आरोपियों को शरण देने और सबूत नष्ट करने का आरोप है, जबकि एक हमलावर गुरसिदक सिंह उर्फ सिदकी हमले के दो दिन बाद पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. इस मामले में एक अन्य प्रमुख आरोपी शरणजीत कुमार को एनआईए ने 5 सितंबर 2025 को बिहार के गया से गिरफ्तार किया था. उसके साथ ही विदेश में बैठे फरार आरोपी बादलप्रीत सिंह के खिलाफ भी जांच जारी है. यह भी पढ़ें : ‘कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम मुझ पर टूट पड़ेगा’, दरांग से पीएम मोदी का बड़ा जुबानी हमला
एनआईए की जांच में सामने आया है कि इस हमले के लिए विदेशी ऑपरेटर्स ने यूपीआई और मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (एमटीएसएस) के माध्यम से आतंकी फंडिंग की थी. एजेंसी इस आतंकी मॉड्यूल के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क और अन्य फरार आरोपियों की पहचान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस हमले को पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में भय और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है. एनआईए ने इस मामले में 11 सितंबर को तीन हथगोले और एक पिस्तौल बरामद की थी, जिससे एक बड़े हथियार और विस्फोटक सिंडिकेट से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है.
एनआईए ने आरोपी शरणजीत कुमार उर्फ सनी से पूछताछ के बाद पंजाब में बटाला के भामरी गांव से हथगोले बरामद किए. एनआईए ने एक .30 बोर की पिस्तौल भी बरामद की, जो शरणजीत को उसके विदेशी आकाओं ने पंजाब की शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश के तहत मुहैया कराई थी. बरामद विस्फोटक और हथियारों को फोरेंसिक और तकनीकी जांच के लिए भेज दिया गया है.












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