मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना को लेकर डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने माफी मांगी है. अजित पवार ने माफी मांगते हुए कहा, "मैं महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं. छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं, और उनकी मूर्ति का इस तरह गिरना हम सभी के लिए बहुत बड़ा सदमा है." अजित पवार ने लातूर जिले में अपनी जन सम्मान यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटना में जो भी अधिकारी या ठेकेदार दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Maharashtra: छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर एक्शन, ठेकेदार और कंसल्टेंट पर FIR.
अजित पवार ने कहा, "हम इसे हल्के में नहीं लेंगे. मूर्ति गिरने की घटना गंभीर है, और इसके पीछे जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें दंडित किया जाएगा." यह घटना इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को इस प्रतिमा का अनावरण किया था. लेकिन मात्र 8 महीने बाद ही 26 अगस्त को यह मूर्ति गिर गई, जिससे राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं.
अजित पवार ने महाराष्ट्र की जनता से मांगी माफी
गेल्यावर्षी नौदल दिनाचे औचित्य साधून महाराष्ट्राचे आराध्य दैवत छत्रपती शिवाजी महाराजांचा पूर्णाकृती पुतळा मालवणच्या राजकोट किल्ल्यावर उभारण्यात आला होता. महाराजांचा तो पुतळा कोसळल्याची घटना महाराष्ट्रातील तमाम शिवप्रेमींप्रमाणे माझ्यासाठी देखील अतिशय क्लेशदायक आहे. मी शासनाचा भाग… pic.twitter.com/4hfI2yFPpe
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) August 28, 2024
इस घटना के बाद, लोक निर्माण विभाग (PWD) की शिकायत पर मूर्ति निर्माण कार्य के ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. शिकायत में दावा किया गया है कि मूर्ति का निर्माण घटिया गुणवत्ता का था और संरचना में इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट जंग खाए हुए थे. इस लापरवाही की वजह से मूर्ति गिर गई, जिससे महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को गहरा ठेस पहुंची है.
आलोचना से घिरी सरकार
इस घटना को लेकर महाराष्ट्र के लोगों में गुस्सा है साथ ही सरकार भी विपक्ष के निशाने पर है. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने इस घटना को लेकर एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर कड़ी आलोचना की है. शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने सरकार के इस दावे को बेशर्मी की पराकाष्ठा करार दिया कि तेज हवाओं के कारण मूर्ति गिर गई. उन्होंने कहा कि यह घटना महायुति सरकार के शासन में बढ़ते भ्रष्टाचार का परिणाम है, जो राज्य की जनता के साथ अन्याय है.