दिल्ली (Delhi) के पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल- मैक्सिस केस (Aircel- Maxis Case) में दर्ज सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण (Interim Protection) की अवधिा शुक्रवार को 25 मार्च तक के लिए बढ़ा दी. सीबीआई की ओर से पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जियों पर बहस करने के लिए वक्त मांगा, जिस पर विशेष न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने मामला स्थगित कर दिया.
इसी तरह का अनुरोध ईडी के विशेष सरकारी वकील नीतेश राणा और एन. के. मट्टा ने भी किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. सुनवाई के दौरान पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जांच एजेंसियों द्वारा स्थगन मांगे जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि अर्जियां दायर किए जाने के बाद से काफी वक्त बीत चुका है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: गिरिराज सिंह को BJP ने दिया बड़ा झटका, नवादा से टिकट कटा, LJP के खाते में गई सीट
Aircel Maxis case: Interim protection of P Chidambaram and Karti Chidambaram extended till March 25 by Delhi's Patiala House Court pic.twitter.com/OdbcS0yJ9E
— ANI (@ANI) March 8, 2019
गौरतलब है कि सीबीआई और ईडी इस बात की जांच कर रही है कि कार्ति चिदंबरम ने किस प्रकार 2006 में एयरसेल-मैक्सिस सौदे को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाई. उस समय उनके पिता पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे. ईडी ने 25 अक्टूबर 2018 को मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें चिदंबरम और कुछ अन्य लोगों के नाम शामिल हैं. सीबीआई ने मामले में 18 लोगों के खिलाफ 19 जुलाई 2018 को दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया था.
भाषा इनपुट