Delhi-NCR में डीजल बसों की एंट्री बंद, बढ़ते पॉल्यूशन के बीच सरकार की सख्ती, इन नियमों का करना होगा पालन
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में सर्द मौसम की शुरुआत के साथ ही एयर पॉल्यूशन ने दस्तक दी है. हवा में प्रदूषण बढ़ने लगा है. आसमान में स्मॉग की चादर है. 'जहरीली हवा' की वजह से सरकार से लेकर नागरिकों तक की टेंशन बढ़ गई है. प्रदूषण को काबू में करने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 15 सूत्रीय एक्शन प्लान को लागू कर दिया है. आज से नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा. दिल्ली में आज यानी 1 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली सभी डीजल बसें जो दूसरे राज्यों से आ रही हैं, उनके प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. यूपी, हरियाणा और राजस्थान समेत देश के किसी भी कोने से आने वाली डीजल बसों को आज से दिल्ली में एंट्री नहीं दी जाएगी. Delhi: दिल्ली में धार्मिक स्थलों के पास नहीं बिकेगा मांस, MCD ने तय की दूरी.

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-VI बसों-वाहनों की एंट्री पर रोक नहीं रहेगी. ये वाहन आसानी से प्रवेश कर सकेंगे. लेकिन, अगर आपके पास बीएस-3 और बीएस-4 बसें-वाहन हैं तो उनकी एंट्री नहीं हो सकेगी. प्रतिबंधित वाहनों पर एक्शन लिया जाएगा, इसमें जुर्माना की कार्रवाई भी शामिल है.

बसों के लिए सख्त नियम

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसों और बीएस-VI डीजल बसों की अनुमति है. दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी आने वाली सभी बसों को इलेक्ट्रिक, सीएनजी या डीजल में बीएस-VI मॉडल होना जरूरी है. ये नियम प्राइवेट बसों के लिए भी है.

दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया है कि हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी आने वाली सभी बसों को इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-VI डीजल पर चलना होगा जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों से बसों को बुधवार से शहर में आते समय इन मानदंडों का पालन करना होगा.

आज कैसी है एयर क्वालिटी?

दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार को लगातार पांचवें दिन बहुत खराब श्रेणी में रही जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस रहा. दिल्ली के विभिन्न इलाकों जैसे आनंद विहार, बवाना और रोहिणी में एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया.

प्रदूषण को लेकर दिल्ली में क्या हैं नियम

  • खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध है.
  • 500 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल वाले निर्माण स्थलों को अनिवार्य रूप से दिल्ली सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
  • दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. सभी प्रकार के उत्पादन, भंडारण, वितरण या बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. ऑनलाइन डिलीवरी की भी अनुमति नहीं है.
  • ग्रीन दिल्ली ऐप पर कचरा जलाने की घटनाओं या यदि कोई वाहन बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाते हुए पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट कर सकते हैं.
  • NDMC ने ‘मैकेनिकल रोड स्वीपर’ (सड़क सफाई मशीन) तैनात की हैं. ये सड़क या प्रदूषण वाले स्थान पर पानी की महीन बूंदों का छिड़काव करती है ताकि धूल और प्रदूषण के कण बैठ जाएं.
  • 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्रों का सख्ती से निरीक्षण किया जाएगा.
  • प्रदूषण की निगरानी के लिए एक ग्रीन वॉर रूम बनाया है. इस वॉर रूम में तैनात एक्सपर्ट प्रदूषण डेटा का एनालिलिस करेंगे और भविष्य की कार्रवाई की रणनीति बनाएंगे.

प्रदूषण से जूझती राजधानी

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को हर साल सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. इस मौसम में दिल्ली और आसपास के इलाकों में पराली जलाने के मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में पिछले तीन साल से दिल्ली सरकार सर्दियों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 15 सूत्रीय एक्शन प्लान को लागू करती आई है. इस एक्शन प्लान को इस साल भी लागू किया गया है.