अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता हथियाने के बाद इसका असर भारत पर भी देखने को मिल सकता है. इस मामले में एएनआई न्यूज एजेंसी सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है, सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बंदोबस्त पहले से और भी पुख्ता करेगी. हालांकि तालिबानी संगठन की ओर से आए एक बयान में साफ किया गया है कि कश्मीर भारत का एक आंतरिक मामला है. हमारा ध्यान कश्मीर पर नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई पाकिस्तानी आतंकी संगठन इस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर आंतक का कहर बरपा रहे हैं. पाकिस्तान इनका इस्तेमाल कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए कर सकता है. अफगानिस्तान में बदले परिदृश्यों के बाद कश्मीर में चौकसी बढ़ा दी गई है, हालांकि इस मामले में सरकार की ओर से अभी कोई आधाकारिक बयान सामने नहीं आया है.
वहीं दूसरी ओर इस पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने न्यूज चैनल इंडिया टुडे को दिए अपने बयान में कहा, "पाकिस्तान अब जैश और लश्कर के आतंकी कैंप पीओके से अफगानिस्तान में शिफ्ट करेगा, ताकि ये अंतरराष्ट्रीय जांच में सामने ना आए. साथ ही भारत विरोधी आतंकी गुटों के लिए अब अफगानिस्तान सुरक्षित ठिकाना होगा."
There will be increased security vigil in Kashmir but things are in control and Pakistan based groups in #Afghanistan have little capacity to use the situation: Sources
— ANI (@ANI) August 17, 2021
वहीं तालिबान से कई दहशत भरी तस्वीरें सामने आ रही हैं. इन तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी काबुल में हालात कितने बदतर हो चुके हैं. देश छोड़ने के लिए एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में नागरिक पहुंचे हुए हैं लेकिन फिलहाल काबुल एयरपोर्ट का संचालन बंद है. हालांकि अमेरिकी आर्मी का एक विमान आज छ सौ से ज्यादा नागरिकों को लेकर कतर पहुंचा.
वर्तमान परिदृश्य में आतंवादियों के लिए सबसे सुरक्षित देश बना
खबर ये भी है कि वर्तमान परिस्थितियों में अफगानिस्तान आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना बन चुका है. क्योंकि अब अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान की सत्ता है. इसे देखते हुए विशेषज्ञ अंदाजा लगा रहे हैं कि कई बड़े और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी अफगानिस्तान में पनाह ले सकते हैं.
सरकार में महिलाओं को शामिल करने की बात
सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में शांति-व्यवस्था बनाने की बात कही है. तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की बात कही है. तालिबान ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि वो अफगानिस्तान में लोकतांत्रित ढंग से सरकार चलाएगा. वहीं पीटीआई की एक खबर मुताबिक, तालिबान ने अपनी सरकार में महिलाओं को शामिल करने के अपील की है. तालिबान ने कहा कि वो अपनी सरकार में महिलाओं को भी जगह देगा.
स्थानीय संगठन बन सकते हैं परेशानी का सबब
इसके अलावा अफगानिस्तान में स्थानीय स्तर पर कई आदिवासी कबीले और आतंकी संगठन एक्टिव हैं. इनमें से कई ऐसे भी सगंठन है जिनकी पटरी तालिबानी विचारधारा से मेल नहीं खाती. ऐसे में सत्ता शासन के दौरान इनसे डील करने में तालिबान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
तालिबान के आतंक से सहमें लोग
वहीं लोगों में तालिबान को लेकर दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है. इसका एक कारण यह भी है कि, 20 से 30 साल पहले भी आतंकि संगठन तालिबान देश में अपने आतंक का कहर बरपा चुका है. उस त्रासदी को याद करते हुए अब भी लोग सहम जाते हैं. अफगानिस्ता में अमेरिकी सैनिकों की एंट्री से पहले तक यहां तालिबान लोगों को सजा के तौर पर पत्थरों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार देता था.
शरीया कानून के तहत सरकारी ढांचे का निर्माण
वहीं दूसरी ओर इस बात की भी चर्चा है कि अफगानिस्ता में तालिबान शरीया कानून के तहत सरकारी ढांचे का निर्माण करने की योजना बना रहा है. हालांकि तालिबान की ओर अबी सरकार का ढांचा कैसा होगा, इस पर अब तक कोई स्पष्ट स्थिति नहीं है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि ये पूरी तरह से इस्लामिक नेतृत्व वाला होगा. हालांकि इसमें पक्षों को शामिल करने की भी बात कही जा रही है.
फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक रात में अमेरिकी नौसेना का केसी-130जे हरक्युलिस विमान काबुल हवाई अड्डे पर उतरा और इसके बाद कतर स्थित अमेरिकी ठिकाने अल उदेद के लिए रवाना हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है. इसके अलावा अभी तक अफगान हवाई क्षेत्र में कोई दूसरा विमान नहीं देखा गया है.