Farmers Protest: तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच हरियाणा (Haryana) के बाद अब उत्तराखंड के दर्जनों किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से मुलाकात कर नए कानूनों का समर्थन किया है. उत्तराखंड के किसानों का कहना है कि सितंबर में बने तीनों कानून कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होंगे. किसानों ने कृषि मंत्री तोमर के साथ बैठक भी की.तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से कहा, "उत्तराखंड से आए किसान भाई मुझसे मिले और उन्होंने कृषि सुधार बिलों को समझा और राय दी. भारत सरकार की ओर से सभी किसान भाइयों का आभार व्यक्त करता हूं. किसानों के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं.
उत्तराखंड के किसान नेताओं ने कृषि मंत्री को बताया कि तीनों कानून सरकार ने किसानों के हित में बनाए हैं। सुधार भले हो सकते हैं, लेकिन कानूनों को वापस लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. उत्तराखंड के किसानों ने सरकार से इस मसले पर दबाव में न आने की अपील की. इससे पूर्व हरियाणा के प्रगतिशील किसानों ने भी कृषि मंत्री से भेंटकर तीनों कानूनों का समर्थन किया था. यह भी पढ़े: Farmers Protest: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने वाले 90 लोगों का खेती से कोई लेना-देना नहीं, किसान नेता जसबीर सिंह ने लगाया बड़ा आरोप
#WATCH | एक विधायक दो बसें लेकर आए थे जिनमें से 90 आदमी वो हैं जिनका खेती से कोई लेना-देना नहीं है। ये ढूंढकर सिख लोगों को लाया गया है। वो ये प्रूव करना चाहते हैं कि सिख हमारे साथ हैं: सिंघु बॉर्डर पर उत्तराखंड से किसान नेता जसबीर सिंह https://t.co/4oJ42gw2Ax pic.twitter.com/wI1TlnrNYm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2020
सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के किसानों की ओर से आंदोलन चल रहा है। लगातार 18 दिनों से दिल्ली सीमा का किसानों ने घेराव किया है.सिंघू बॉर्डर पर कई किसान संगठनों से जुड़े किसान डटे हैं. उधर, यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर भी पश्चिमी यूपी के किसान आंदोलन चला रहे हैं। सरकार के साथ अब तक पांच बार हुई वार्ता में कोई हल नहीं निकल सका है। किसान संगठनों ने 14 दिसंबर को भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.