ISRO's Next Missions: चांद के बाद सूर्य को जीतने की तैयारी पूरी, फिर गगनयान की बारी... अंतरिक्ष में भारत का बढ़ेगा दबदबा

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब 'मिशन आदित्य-L1' पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं. भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-XL) से छोड़ा जाएगा. इसरो ने लॉन्च की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

ISRO chief S Somanath | ANI

नई दिल्ली: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब 'मिशन आदित्य-L1' पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं. भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-XL) से छोड़ा जाएगा. इसरो ने लॉन्च की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि इसरो सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ के लॉन्च के लिए तैयार है. आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रणाली के लार्ज्रेंज पॉइंट 1 (L1) के चारों ओर एक हेलो कक्षा में रखा जाएगा. यह जगह धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है. Aditya-L1 Mission LIVE: सूर्य मिशन का काउंटडाउन शुरू, जानें- कहां और कैसे देख सकते हैं आदित्य-L1 की लॉन्चिंग लाइव.

इसरो चीफ ने कहा कि आदित्य-एल1 मिशन शनिवार सुबह 11.50 बजे लॉन्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सौर मिशन सूर्य का अध्ययन करने के लिए है और इसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया, "Aditya-L1 के लॉन्च के बाद हमारा अगला मिशन गगनयान है. यह अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगा. हमारा अगला लॉन्च गगनयान है. चंद्रयान-4 मिशन को इसरो चीफ ने कहा, हमने अभी तक इसका (Chandrayaan-4) फैसला नहीं किया है , हम जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे.

आदित्य Aditya L1 की लॉन्चिंग से पहले ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ (S Somanath) तिरूपति के चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की.

Aditya-L1 भारत का पहला सूर्य मिशन (Sury Mission) है. आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के कोरोना के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह स्थान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. मिशन को एल1 तक पहुंचने में करीब चार महीने का समय लगेगा. लैग्रेंजियन बिंदु-1 वह स्थान है, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल समान होता है. इस स्थान से स्पेसक्राफ्ट सूर्य की जानकारी जुटाएगा.

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