नयी दिल्ली: 20 साल बाद एक बार फिर अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का शासन लौट आया है. तालिबान के कब्जे से अफगानिस्तान में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. इस बीच भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को वापस लेन का काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में मंगलवार सुबह काबुल से 120 भारतीयों को लेकर भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान जामनगर पहुंचा. रिपोर्ट्स के अनुसार, काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मची अराजकता के बीच भारतीयों को सुरक्षित निकालना आसान काम नहीं था. लेकिन देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने यह काम भी बखूबी कर दिखाया. Afghanistan Crisis: अराजकता के बीच काबुल में दुकानों पर लगे ताले, बाजार व स्कूल भी बंद
अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को लाने के समन्वय के प्रयासों के बीच एनएसए अजीत डोभाल ने कल शाम अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन (Jake Sullivan) से विस्तार से बात की. दरअसल अमेरिकी सुरक्षाबल ही काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को नियंत्रित कर रहे हैं.
एनएसए डोभाल के बातचीत के बाद ही भारतीय टीम को हवाई अड्डे पर अमेरिकी सुरक्षा क्षेत्र के अंदर उतरने की अनुमति मिली, जहां से भारत के राजदूत और दूतावास के करीब 120 कर्मियों को लेकर भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान ने आज सुबह उड़ान भरी.
#WATCH भारतीय अधिकारियों को लेकर काबुल से उड़ान भरने वाला भारतीय वायु सेना का C-17 विमान गुजरात के जामनगर में लैंड किया है। pic.twitter.com/njQeU416yo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 17, 2021
सूत्रों ने कहा कि काबुल में जमीनी हालात के कारण भारतीय अधिकारियों का बाहर निकलना थोड़ा मुश्किल हो गया था लेकिन आखिरकार इसकी व्यवस्था कर दी गई. सोमवार से काबुल से दो सी-17 विमानों ने उड़ान भरी है. कल भी लगभग 46 कर्मियों के साथ एक विमान भारत पहुंचा था.
उल्लेखनीय है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने फैसला किया है कि काबुल में भारत के राजदूत और उनके भारतीय कर्मियों को मौजूदा हालात के मद्देनजर तत्काल देश वापस लाया जाएगा. भारत अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ भी लगातार संपर्क में है. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक लोगों को भारत वापस लाने की सुविधा देगा. मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत उन अफगानों के लिए भी खड़ा है जो आपसी विकास को बढ़ावा देने में भागीदार रहे हैं. साथ ही अफगानिस्तान में मौजूदा गंभीर स्थिति को देखते हुए, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने आज भारत आने के इच्छुक अफगानों के आवेदनों को तेजी से ट्रैक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीजा की एक नई श्रेणी की घोषणा की.
भारत लंबे समय से अमेरिका के साथ अफगानिस्तान में काम कर रहा है. अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार के गिर जाने और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया। तालिबान ने 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका नीत सेना के अफगानिस्तान में आने के 20 साल बाद फिर से देश पर कब्जा कर लिया है.













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