एडमिरल करमबीर सिंह (Admiral Karambir Singh) ने शुक्रवार को दिल्ली में नए नौसेना प्रमुख (Indian Navy Chief) के तौर पर कार्यभार संभाला. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे पूर्ववर्तियों (Predecessors) ने सुनिश्चित किया कि नौसेना के पास एक ठोस आधार है और अब यह नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. मेरी कोशिश रहेगी कि मैं उनके प्रयासों को जारी रखूं और राष्ट्र को एक ऐसा नौसेना प्रदान करूं जो मजबूत, विश्वसनीय और समुद्री क्षेत्र (Maritime Domain) में सुरक्षा चुनौती को पूरा करने के लिए तैयार हो. 3 नवंबर 1959 को जन्मे सिंह एक जुलाई, 1980 को नौसेना में शामिल हुए थे. उन्हें 1982 में हेलीकॉप्टर पायलट बनने का मौका मिला और उन्हें चेतक और कमोव हेलीकॉप्टरों में उड़ान भरने का लंबा अनुभव है.
बता दें कि सिंह एडमिरल सुनील लांबा की जगह ले रहे हैं जो आज सेवानिवृत्त हुए. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने इसी साल 23 मार्च को एडमिरल करमबीर सिंह को भारतीय नौसेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया था. इस दौरान आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि सरकार ने मेरिट आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए यह चयन किया है और पद के लिए वरिष्ठतम अधिकारी की नियुक्ति की जाने वाली परंपरा नहीं अपनाई. उन्होंने बताया था कि अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ वाइस एडमिरल विमल वर्मा इस शीर्ष पद के दावेदारों में से एक थे. वह सिंह से वरिष्ठ हैं. यह भी पढ़ें- करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख बनाए जाने को वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने दी चुनौती, आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल में दाखिल की याचिका
Navy Chief Admiral Karambir Singh: My predecessors made sure that Navy has a solid foundation&has reached new heights. It'll be my endeavour to continue with their efforts&provide the nation with a Navy that's strong, credible&ready to meet security challenge in maritime domain. pic.twitter.com/fpYvO8eCRI
— ANI (@ANI) May 31, 2019
उधर, एक सैन्य अधिकरण ने बुधवार को वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को शुक्रवार को नए नौसेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने की इजाजत दे दी थी. इससे पहले उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई को अधिकरण ने करीब सात हफ्तों के लिए टाल दिया गया था. अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने दिल्ली में सशस्त्र बल अधिकरण (एएफटी) में याचिका दायर कर अपनी वरिष्ठता की अनदेखी कर सिंह को नया नौसेना प्रमुख नियुक्त किए जाने को चुनौती दी थी.