आप विधायक ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को दी डोप टेस्ट कराने की चुनौती
अमरिंदर सिंह (Photo Credits: PTI)

चंडीगढ़: एक नजीर पेश करते हुए पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमन अरोड़ा ने गुरुवार को मोहाली के एक सरकारी अस्पताल में मादक पदार्थ सेवन का परीक्षण (डोप टेस्ट) कराया. अरोड़ा ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को उदाहरण पेशकर इस तरह का टेस्ट खुद का, अपने कैबिनेट सदस्यों व सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायकों का कराने की चुनौती दी.

अरोड़ा ने मोहाली के सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट से गुजरने के बाद मीडिया से कहा, "आम आदमी पार्टी पंजाब में मादक पदार्थो की समस्या पर रोक लगाने के लिए किसी भी प्रगतिशील कदम का समर्थन करेगी. लेकिन, यह बेहतर रहता है अगर मुख्यमंत्री ने खुद का, अपने मंत्रियों व कांग्रेस विधायकों का डोप टेस्ट शुरू किया होता."

सुनाम के विधायक का यह कदम पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य करने के आदेश के एक दिन बाद सामने आया है. इन कर्मचारियों में पुलिस कर्मी भी शामिल हैं.

अरोड़ा ने कहा, "यह शर्म की बात है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को डोप टेस्ट जैसी नैतिक चुनौतियों से गुजरना पड़ा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मादक पदार्थ माफिया व पुलिस अधिकारियों व राजनेताओं का बड़ा गठजोड़ है. मैं पंचायत सदस्यों से लेकर मुख्यमंत्री तक, सभी से डोप टेस्ट से गुजरने की अपील करता हूं."

आप विधायक ने कहा, जब उन्हें (कांग्रेस के लिए) वोट मांगना था तो अमरिंदर सिंह ने गुटका साहिब को अपने हाथों में लिया था और पंजाब में सत्ता में आने के चार हफ्ते के भीतर मादक पदार्थ माफिया व मादक पदार्थ को खत्म करने की शपथ ली थी. लेकिन, एक साल होने के बाद भी सरकार ने मादक पदार्थ गिरोहों पर रोक लगाने के लिए कुछ भी नहीं किया है."

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार जब तक इन गतिविधियों में माफियाओं के साथ शामिल राजनेताओं व पुलिस अधिकारियों से निपटने की प्रतिबद्धता नहीं दिखाएगी, मादक पदार्थ की समस्या पर रोक नहीं लगेगी.

पंजाब के आप के सह अध्यक्ष बलबीर सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल से आगे आकर अपना डोप टेस्ट कराने को कहा.

पंजाब में मादक पदार्थो की लत बुरी तरह से फैली हुई है, खासकर युवा व ग्रामीण आबादी इससे प्रभावित है. पंजाब में विपक्षी पार्टियां कांग्रेस सरकार पर मादक पदार्थो के खतरे को खत्म करने के लिए कुछ नहीं करने को लेकर सवाल खड़ा करती रही हैं.