उत्तराखंड (Uttarakhand) के केदारनाथ (Kedarnath) में सोमवार को हेलिपैड ( Helipad) पर लैंडिंग के दौरान एक हेलिकॉप्टर (Helicopter crash) का संतुलन बिगड़ गया. हादसे के वक्त हेलिकॉप्टर में तकरीबन 6 लोग सवार थे. गनीमत यह रहा कि इस हादसे में सभी सुरक्षित हैं. जो हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ वह निजी कंपनी का है. उत्तराखंड में साल 2010 से लेकर अब तक नौ हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू 2003 से हुआ था, लेकिन पहला हादसा साल 2010 हुआ था जब एक शख्स का हेलीकॉप्टर के पंखे से सिर कट गया था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने इस सेवा का जमकर विरोध किया था.
25 जून 2013 को सेना का एमआई-17 वी-5 हेलीकॉप्टर गौचर से गुप्तकाशी और केदारनाथ में जारी बचाव अभियान में जुटा था, जहां से लौटते समय कल दोपहर गौरीकुंड के उत्तर में यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार 19 लोग सवार थे और इनमें से सभी की मौत हो गई थी. 24 जुलाई 2013 को केदारघाटी में एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें सहायक पायलट और एक इंजिनियर की मौत हो गई थी.
बता दें कि पिछले महीने ही उत्तरकाशी (Uttarkashi) में बादल फटने के कारण हुए हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद बचाव कार्य और राहत की सामग्री पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही थी. इसी दौरान राहत सामग्री लेकर जा रहा एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी.