UP: पेंशन के लिए विधवा और राशन के लिए सुहागिन बनीं 4487 महिलाएं! गोंडा में ऐसे पकड़ में आया गड़बड़झाला
पी के गोंडा जिले में 4487 महिलाएं विधवा पेंशन के साथ-साथ अपने पतियों के हिस्से का राशन भी ले रही थीं! जी हां, ये आंकड़े खुद सरकारी रिकॉर्ड बता रहे हैं!
एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है! यूपी के गोंडा जिले में 4487 महिलाएं विधवा पेंशन के साथ-साथ अपने पतियों के हिस्से का राशन भी ले रही थीं! जी हां, ये आंकड़े खुद सरकारी रिकॉर्ड बता रहे हैं!
क्या है मामला?
जब खाद्य एवं रसद विभाग ने महिला कल्याण विभाग से विधवा पेंशन लेने वाली महिलाओं की सूची मांगी, तो पता चला कि 4487 महिलाएं, महिला कल्याण विभाग से पेंशन लेते हुए, अपने पति के राशन कार्ड में दर्ज हिस्से का राशन भी ले रही थीं!
कैसे हुआ ये घोटाला?
यह गड़बड़ लगभग तीन साल से चल रही है! एक महिला को हर महीने एक हजार रुपए पेंशन मिलती है. इस तरह तीन साल में उन्हें 16 करोड़ रुपए से ज़्यादा पेंशन दे दी गई. इसके अलावा, महिलाओं ने एक यूनिट अधिक राशन का भी फायदा उठाया. एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह तो सिर्फ एक जिले के आंकड़े हैं.
सरकार पूरे राज्य में इस मामले की जांच करवा रही है. जांच से गरीब कल्याण योजना में बड़े पैमाने पर धांधली होने की संभावना बढ़ रही है. पहले की जांच में पता चला था कि जिले में नौ हजार आयकर दाता और सक्षम लोग राशन कार्ड बनाकर मुफ्त राशन ले रहे थे और ज़रूरतमंद लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा था. इस मुफ्त राशन का फायदा उठाने वालों में 9,313 बड़े किसान भी शामिल थे जिन्होंने खेत का अनाज सरकार को समर्थन मूल्य पर बेचा था.
आधार सीडिंग के बाद खुलासा
आधार सीडिंग के बाद, खाद्य विपणन विभाग ने उन किसानों की पहचान की जो दो हेक्टेयर से ज़्यादा ज़मीन के किसान हैं. वे सरकारी खरीद केन्द्रों पर अपना अनाज बेचते थे और राशन डीलर से मुफ्त राशन लेते थे. अब सप्लाई विभाग उनकी जांच करने के बाद उनके राशन कार्ड रद्द करने वाला है.
लालच का नतीजा
इस तरह लालच ने राशन कार्ड, विधवा पेंशन और आयुष्मान कार्ड में बड़ा सेंध लगा दिया है. यह मामला हमें समझाता है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए सख्त कदम उठाने जरूरी हैं.