Chhattisgarh में 1000 ईसाई हिंसा का शिकार हुए, कुछ का जबरन धर्मांतरण हुआ: नागरिक अधिकार समूह
कुछ नागरिक अधिकार समूहों ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 1,000 ईसाई आदिवासियों पर उनके धर्म को लेकर हिंसा की गई और उनमें से कुछ का जबरन धर्मांतरण करा दिया गया,
नई दिल्ली, 29 दिसंबर: कुछ नागरिक अधिकार समूहों ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 1,000 ईसाई आदिवासियों पर उनके धर्म को लेकर हिंसा की गई और उनमें से कुछ का जबरन धर्मांतरण करा दिया गया.
सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोसाइटी एंड सेक्युलरिज्म ने ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम, ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस और यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के साथ साझेदारी में एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था जिसने राज्य का दौरा किया.
तथ्यान्वेषी समिति का नेतृत्व करने वाले सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोसाइटी एंड सेक्युलरिज्म के निदेशक इरफान इंजीनियर ने दावा किया कि “ईसाई आदिवासियों को जबरन हिंदू धर्म में परिवर्तित करने के लिए एक संगठित अभियान चलाया जा रहा है”.
उन्होंने कहा कि टीम ने पाया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 1,000 ईसाई आदिवासियों पर उनके धर्म को लेकर हिंसा की गई. उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नौ दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच, नारायणपुर के लगभग 18 गांवों और कोंडागांव के 15 गांवों में सिलसिलेवार हमले हुए, जिससे लगभग 1,000 ईसाई आदिवासियों को उनके गांवों से विस्थापित होना पड़ा.
उन्होंने कहा कि इस कठोर सर्दियों के मौसम में आदिवासियों को अपना गांव छोड़कर खुले में आश्रय लेना पड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया, “कुछ को जबरन हिंदू धर्म में धर्मांतरित किया गया.”
उन्होंने कहा कि वे अपनी तथ्यान्वेषी टीम की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपेंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे.
मानवाधिकार कार्यकर्ता जॉन दयाल ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों को लक्षित करने के लिए “कानून” बनाए हैं और इसे “बहुत खतरनाक मिसाल” कहा है.
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