देहरादून/उत्तरकाशी, पांच अक्टूबर: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में द्रोपदी का डांडा चोटी पर हुए हिमस्खलन के बाद अब भी 27 पर्वतारोही लापता हैं जबकि बचाव कर्मियों ने 14 पर्वतारोहियों को वहां से निकाल लिया है. एक दिन पहले हुए हिमस्खलन में 10 लोगों की मौत हो गई थी. उत्तराखंड पुलिस ने फेसबुक पर बताया कि अब तक 10 शवों को निकाला गया है. वहीं अलग अलग एजेंसियों और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से चलाए जा रहे खोज एवं बचाव अभियान के जरिए दिन भर अन्य लापता लोगों की तलाश की जाती रही.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इलाके का हवाई निरीक्षण किया जो 17,000 फुट की ऊंचाई पर है जहां मंगलवार को हिमस्खलन हुआ था. उन्होंने पत्रकारों से कहा 27 पर्वतारोही अब भी लापता हैं.
उन्होंने कहा कि वह उनके सुरक्षित होने की प्रार्थना करते हैं. वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के कर्मी लापता पर्वतारोहियों को तलाश करने में जुटे हुए हैं.
धामी ने कहा, “34 में से 27 अब भी लापता हैं.” उन्होंने हरिद्वार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के साथ हवाई सर्वेक्षण किया. इस बीच उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया पर बताया कि 14 घायल पर्वतारोहियों को हेलीकॉप्टर से मातली में आईटीबीपी के कैंप लाया गया है जिसमें से पांच को उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और मामूली रूप से घायल हुए नौ अन्य को एनआईएम वापस भेज दिया गया है.
बहरहाल, यह अब भी साफ नहीं है कि बुधवार को निकाले गए 14 पर्वतारोही क्या उस 41 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे जो द्रोपदी का डांडा 2 चोटी को फतह करने गई थी या एनआईएम बेस कैंप में इंतजार कर रही थी.
एनआईएम के मुताबिक, हिमस्खलन में फंसी टीम में 34 प्रशिक्षु पर्वतारोही और सात प्रशिक्षक थे.
इससे पहले दिन में उत्तराखंड पुलिस ने बुधवार को उन 28 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की सूची जारी की जो 17,000 फुट की ऊंचाई पर भीषण हिमस्खलन होने के बाद से लापता हैं.
भटवारी के उपमंडल मजिस्ट्रेट छत्तर सिंह चौहान ने कहा कि टीम के 14 सदस्यों में से छह को हिमस्खलन में मामूली चोटें आई हैं और उन्हें हेलीकॉप्टर ने दो चक्कर लगाकर मातली से निकाला.
उन्होंने कहा कि अन्य चक्करों में आठ और लोगों को निकाला गया और वे ठीक हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें एनआईएम वापस लाया जा रहा है.
चौहान ने बताया कि बचाए गए 14 लोगों में से 10 प्रशिक्षु और चार प्रशिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और एनआईएम संयुक्त रूप से खोज एवं बचाव अभियान चला रहे हैं.
मंगलवार सुबह पौने नौ बजे हुए हिमस्खलन के बाद से लापता पर्वतारोहियों की 41 सदस्यीय टीम के बाकी सदस्यों की तलाश की जा रही है.
कहा जा रहा है कि लापता लोग डोकरियानी बमक ग्लेशियर में हिमखंडकी में फंस गए हैं, जहां हिमस्खलन हुआ था. पुलिस की ओर से जारी सूची के अनुसार, ये प्रशिक्षु पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के हैं.
बरामद किए गए शवों में पर्वतारोही सविता कंसवाल का शव भी शामिल है, जिन्होंने इस साल मई में एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी. वह उत्तरकाशी जिले के लोंथरू गांव की रहने वाली थीं. खोज और बचाव अभियान बुधवार को सुबह शुरू हुआ तथा आईटीबीपी के चार जवान चीता और एएलएच हेलीकॉप्टरों से डोकरियानी ग्लेशियर गए. बचाव अभियान मंगलवार को अंधेरे के कारण बाधित हुआ था.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)