The Sky Is Pink Movie Review: फरहान अख्तर-प्रियंका चोपड़ा का शानदार अभिनय, दिल छू लेगी इस फिल्म की कहानी
प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर की फिल्म 'द स्काई इज पिंक' इस शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है. फिल्म में जायरा वसीम और रोहित सुरेश सराफ भी लीड रोल में हैं. इस फिल्म का निर्देशन शोनाली बोस ने किया है. फिल्म को लेकर दर्शकों के मन में कई तरह के सवाल है और क्या ये फिल्म उनकी उम्मीदों पर खरी उतर पाएगी? जानने के लिए पढ़ें इस फिल्म का ये रिव्यू.
The Sky Is Pink Movie Review: टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) में दर्शकों का दिल जीतने के बाद प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) स्टारर 'द स्काई इज पिंक' (The Sky Is Pink) इस शुक्रवार को भारत में रिलीज होने जा रही है. फिल्म के साथ प्रियंका लगभग 3 साल बाद बॉलीवुड में कमबैक करने जा रही हैं. वहीं फरहान के लिए भी ये प्रोजेक्ट बेहद स्पेशल क्योंकि एक बार फिर वो दर्शकों के सामने एक यूनिक कहानी पेश करने जा हैं. फिल्म में जायरा वसीम (Zaira Wasim) लीड रोल में हैं और कयास तो यही है कि ये उनकी आखिरी फिल्म होगी. फिल्म को लेकर दर्शकों के मन में काफी उम्मीदें हैं और क्या ये उसपर खरी उतर पाएगी? इन सभी बातों का जवाब जानने के लिए पढ़ें इस फिल्म का ये रिव्यू.
कास्ट: प्रियंका चोपड़ा, फरहान अख्तर, जायरा वसीम और रोहित सुरेश सराफ
निर्देशक: शोनाली बोस (Shonali Bose)
कहानी: फिल्म 'द स्काई इज पिंक' कहानी है आयशा चौधरी (Aisha Chaudhary) नाम की एक ऐसी लड़की जिसका जन्म एक ऐसी बीमारी के साथ हुआ जिसमें उसका शरीर अंदरूनी और बाहरी बीमारियों से खुद की रक्षा नहीं कर सकता. इस बीमारी को इम्यून डेफिशियेंसी डिसऑर्डर (Immune Deficiency Disorder) कहा जाता है. उसकी इस बीमारी के कारण उनकी मॉम अदिति और उनके पिता निरेन उसे बचाने के लिए कई तरह के मानसिक, शारीरिक पीड़ाओं से गुजरते हैं. अदिति बड़ी ही मुश्किल से अपने पति निरेन के साथ मिलकर अपनी बच्ची की जिंदगी के लिए चंद दिन जुटा पाती है. बीमारी के कारण आयशा आम बच्चों जैसी जिंदगी नहीं जी पाती और उसे अपनी मां के बनाए हुए सख्त नियमों का पालन करना होता है. अंत में अदिति को एहसास होता है कि उसने अपनी बेटी की जिंदगी बचाने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया और अब वो उसे उसकी बची हुई जिंदगी में केवल खुशियां देना चाहती है. जिंदगी को कुछ और दिन जीने की ख्वाहिश और इसे अंत कर देने की सोच के बीच आयशा हर दिन संघर्ष करती है. फिल्म के पहले भाग में हमें ये चीजें देखने को मिलती है. वहीं इंटरवल के बाद की कहानी अदिति और निरेन की कहानी को गहराई से पेश करती है. किस तरह से उन्होंने एक माता-पिता होने के नाते अपनी बेटी के लिए संघर्ष किया उसे दर्शाती है.
अभिनय: फरहान अख्तर हमेशा से अपनी फिल्मों में कोई न कोई फिलोसोफी दे जाते हैं. इस फिल्म में उनका किरदार भी कुछ ऐसा है. फरहान यहां एक प्रेमी, पति और पिता के रूप में अपने किरदार के साथ न्याय करते नजर आते हैं. वहीं प्रियंका ने भी इस फिल्म के साथ एक परफेक्ट बॉलीवुड कमबैक किया है. फिल्म में वो सेंटर ऑफ अट्रैक्शन हैं और जिस तरह से उनके किरदार को लिखा गया है, वो उसमें पूरी तरह से ढली हुई नजर आती हैं. इमोशन हो या फिर रोमांस, प्रियंका और फरहान ने काफी बढ़िया काम किया है. फरहान और प्रियंका के बाद फिल्म में जायरा वसीम का किरदार बेहद अहम है. यहां वो एक नटखट, इमोशनल और समझदार लड़की के रोल में है और वाकई अपनी एक्टिंग से वो दर्शकों को खुश कर देंगी.
म्यूजिक: इस फिल्म का म्यूजिक बेहद खूबसूरत है. अरिजीत सिंह (Arijit Singh) जिस किसी गाने को अपनाते हैं वो दर्शकों को पसंद आना लाजमी है और यकीनन जिस तरह से गुलजार (Gulzar) ने गानों के बोल लिखे हैं वो अरिजीत की आवाज में दर्शकों को खूब पसंद आएंगे. फिल्म का संगीत बेहद इम्प्रेसिव है और इसके गानें आपका दिल छू लेंगे.
फाइनल टेक: शोनाली बोस की ये फिल्म असल जिंदगी की कहानी से प्रेरित है जिसे बेहद खूबसूरती के साथ बड़े पर्दे पर पेश किया गया है. ये फिल्म केवल मनोरंजन के मापदंड से ऊपर उठकर उस भावना और संघर्ष को दर्शाती है जिसका सामना अदिति और निरेन जैसे कई माता-पिता अपनी जिंदगी में करते हैं. फिल्म की खास बात है इसकी राइटिंग, इसकी कहानी दर्शकों को पूरी तरह से एक अलग दुनिया में ले जाती है. ये फिल्म हमें एहसास कराती है कि एक स्वस्थ शरीर के साथ जन्म लेना किसी आशीर्वाद से कम नहीं और हमें इसकी हमेशा कद्र करनी चाहिए. ये फिल्म इमोशन, ड्रामा और रोमांस से भरी है. इसकी कहानी दर्शकों के दिलों में फैमिली फीलिंग को जगाती है. फिल्म के खामियों की बात करें तो ये कह सकते हैं कि कहानी को काफी विस्तार के से पेश किया गया है. कुछ सीन्स को कट शॉर्ट करके इसकी लेंथ को कम किया जा सकता था. ये फिल्म मसालेदार एक्शन, शोर शराबे और ग्लैमर से हटकर एक पीसफुल फिल्म बनकर सामने आती है. हमारी राय में आपको भी आयशा चौधरी और उनके परिवार की इस प्रेरणात्मक कहानी को जरूर देखना चाहिए.