Squid Game Season 3 Review: गेम कम, इमोशन ज़्यादा – फिर भी दिल जीत लेता है 'स्क्विड गेम' का फाइनल सीज़न!
Squid Game 3 Review (Photo Credits: Netflix)

Squid Game Season 3 Review: स्क्विड गेम का तीसरा सीज़न आखिरकार नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो चुका है और इसे फाइनल सीज़न बताया जा रहा है. लेकिन देख कर लगता है जैसे कहानी अब भी आगे बढ़ सकती है. पहले एपिसोड में शो काफी स्लो और बोरिंग लगता है – कुछ वैसा ही जैसा हमने सीजन 2 में महसूस किया था. शुरुआत में ऐसा लगता है जैसे ये सीजन भी दर्शकों को बांध नहीं पाएगा. मगर जैसे ही दूसरे एपिसोड में गेम शुरू होता है, शो में वो पुरानी जान लौट आती है. इस बार मेकर्स ने कहानी को गेम्स से ज़्यादा इमोशन पर फोकस किया है. और यही इसकी सबसे बड़ी खूबी भी बनती है. हां, खामी भी यहीं से शुरू होती है – पूरे 6 एपिसोड में सिर्फ़ 3 गेम ही रखे गए हैं. अगर 2 और गेम डाले जाते तो थ्रिल और बढ़ता और कहानी का फ्लो भी बेहतर रहता.

इमोशनल एंगल की बात करें तो इस सीज़न में बहुत दम है. अलग-अलग कैरेक्टर की कहानियों से दिखाया गया है कि कैसे लोग सिर्फ पैसों के लिए अपने ही परिवार को भी धोखा दे सकते हैं – मां और बच्चे को भी साइड कर सकते हैं. ये सीन आपको अंदर तक झकझोरते हैं. इस बार गेम से ज़्यादा इंसानी लालच और रिश्तों की सच्चाई को एक्सप्लोर किया गया है, और यही इसे खास बनाता है.

Squid Game: Season Netflix (Photo Credits: Youtube)

फिनाले पर आते-आते शो आपको ऐसे मोड़ पर लाकर छोड़ता है कि यह तय करना मुश्किल हो जाता है – क्या ये हैप्पी एंडिंग थी या सैड एंडिंग? यही ओपन एंडिंग शो को और भी दिलचस्प बनाती है. देखने के बाद भी कहानी आपके दिमाग में चलती रहती है और आप सोचना शुरू कर देते हैं कि आखिर सही क्या था.

तकनीकी तौर पर सीरीज दमदार है – सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और लोकेशन शानदार हैं. पर जहां कमी महसूस होती है, वो है गेम्स की संख्या और कई जगह स्लो पेस. कुछ सीन खिंचे हुए लगते हैं और उस तेज़ रफ्तार की कमी खलती है जो पहले सीजन की जान थी. फिर भी, सीरीज़ ने इमोशन्स के ज़रिए दिल जीत लिया है. हर एपिसोड के बाद यह जानने की बेचैनी बनी रहती है कि आगे क्या होगा. और यही किसी भी सीरीज़ की सबसे बड़ी जीत होती है.

'स्क्विड गेम 3' का ट्रेलर:

मेरी तरफ से Squid Game Season 3 को 3.5 स्टार्स आउट ऑफ 5. नेटफ्लिक्स पर यह शो जरूर देख सकते हैं – निराश नहीं करेगा. खामी के नाम पर बस यही कहेंगे – गेम्स कम और कहीं-कहीं स्लो पेस. पर इमोशनल ड्रामा और इंसानी फितरत की गहराई इसे देखने लायक बनाती है.

Rating:3.5out of 5