रजनीकांत (Rajinikanth) की फिल्म '2.0' इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है. इस फिल्म का दर्शकों ने देशभर में तहे दिल से स्वागत किया. एक तरफ जहां रजनीकांत इस फिल्म की कामयाबी को लेकर खुश थे वहीं वो अपनी एक कानूनी विवाद में फंसने के चलते उन्हें काफी परेशान भी होना पड़ा था. बताया जा रहा है कि रजनीकांत के खिलाफ एक फाइनेंसर ने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) में मामला दर्ज किया था. लेकिन इस केस को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए हाल ही में कोर्ट ने रजनीकांत को बड़ी राहत दी और उनके खिलाफ दर्ज इस मामले को खारिज कर दिया.
क्या है पूरा मामला?
अमर उजाला की खबर के अनुसार, मुकुनचंद बोथरा नामके एक फाइनेंसर ने रजनीकांत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि रजनीकांत की बेटी के ससुर कस्तूरी राजा ने उनसे 65 लाख रूपए का कर्ज लिया था. कस्तूरी राजा (Kasturi Raja) ने आश्वासन दिया था कि अगर वो ये कर्ज नहीं चुका पाए तो खुद रजनीकांत उनके बकाया पैसों को चुकाएंगे.
मद्रास हाई कोर्ट ने रजनीकांत को दी राहत
बताया जा रहा है कि मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए, रजनीकांत के खिलाफ फाइनेंसर द्वारा दर्ज दीवानी मुकदमे को खारिज कर दिया और उन्हें 25 हजार रूपए का जुर्माना भी भरने को कहा. कोर्ट ने कहा कि रजनीकांत के खिलाफ इस तरह का मामला दर्ज करना महज सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की मंशा को दर्शाता है. इस केस के जरिए शिकायतकर्ता ने पॉपुलर पर्सनालिटी को परेशान करने की कोशिश की है और कानूनी प्रक्रिया का गलत फायदा उठाया है.
आपको बता दें कि मुकुनचंद बोथरा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले रजनीकांत के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत में आपराधिक मानहानि का केस दर्ज किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि रजनीकांत ने उनके दीवानी मुकदमे को लेकर बयान दिया है कि शिकायतकर्ता सिर्फ उनसे पैसे कमाने के लिए उनका नाम बदमान कर रहा है. इस बात चलते बोथरा ने उनपर मानहानि का मामला दर्ज कराया था.
लेकिन अब कोर्ट ने इस पूरे मामले में दोनों ही पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला रजनीकांत के हक में सुनाया है.