आपत्तिजनक लिरिक्स मामला: झारखंड उच्च न्यायालय ने गोविंदा और शिल्पा शेट्टी को दी बड़ी राहत

झारखंड उच्च न्यायालय ने अभिनेता गोविंदा और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी पर फिल्माये एक गाने के संदर्भ में निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी समन रद्द कर दिये हैं. न्यायमूर्ति ए के गुप्ता ने बृहस्पतिवार को पाकुड़ अदालत द्वारा जारी समन को खारिज करते हुए बचाव पक्ष के वकील की दलील को स्वीकार किया.

गोविंदा और शिल्पा शेट्टी (Photo Credits: Facebook)

झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने अभिनेता गोविंदा (Govinda) और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) पर फिल्माये एक गाने के संदर्भ में निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी समन रद्द कर दिये हैं. न्यायमूर्ति ए के गुप्ता (A.K Gupta) ने बृहस्पतिवार को पाकुड़ अदालत द्वारा जारी समन को खारिज करते हुए बचाव पक्ष के वकील की दलील को स्वीकार किया.

बचाव पक्ष के वकील अभय मिश्रा ने उच्च न्यायालय को बताया कि फिल्में सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 (Cinematography Act 1952) के तहत दिखायी जाती हैं.

सेंसर बोर्ड (Censor Board) ने फिल्म को सत्यापित किया और उसे प्रमाण पत्र दिया, जिसके बाद ही फिल्म रिलीज हुई है. यह भारतीय दंड संहिता के दायरे में नहीं आता है. मिश्रा ने दलील दी कि इसी कारण समन को रद्द कर देना चाहिए.

एम एम तिवारी नामक एक व्यक्ति ने निचली अदालत में शिकायत दायर कर दावा किया था कि इस गीत से बिहार की छवि धूमिल हुई है.

शिकायतकर्ता ने 1996 में फिल्म ‘छोटे सरकार’ (Chote Sarkar) की रिलीज के तुरंत अदालत में शिकायत दायर की थी और दावा किया था कि दोनों अभिनेताओं ने जिस ‘...बदले में यूपी-बिहार ले ले’ गाने पर अभिनय किया है, उससे बिहार की छवि धूमिल हुई है.

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