सिनेमा जगत के इतिहास में सबसे खूबसूरत चेहरे की चर्चा होती है तो ‘प्यार किया तो डरना क्या...’ की मधुबाला ही जेहन में उतरती है. मधुबाला के नाम कई सुपर हिट फिल्में दर्ज हैं. उन्होंने बहुत नाम-दाम कमाया. उनकी अधिकांश फिल्में प्रेम-कहानी पर बेस्ड रही हैं, लेकिन त्रासदी कि अपनी निजी जिंदगी में एक अदद सच्चे प्रेम की चाहत लिए मल्लिका-ए-तरन्नुम मधुबाला इस दुनिया से रुखसत हो गईं, हालांकि कहा जाता है कि उनके जीवन में एक नहीं 7-7 मर्दों ने दस्तक दिया. आइये जानते हैं इस बला की खूबसूरत अभिनेत्री की प्रेम कहानी, जिनकी 23 फरवरी को 54वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी...
लतीफ (बचपन का दोस्त)
लतीफ मधुबाला का बचपन का दोस्त था, वे उसे सच्चा दोस्त मानती थीं. कहते हैं कि मधुबाला जब मुंबई आईं तो बहुत दुखी थीं, उन्होंने लतीफ को एक गुलाब का फूल दिया था. बताते हैं कि लतीफ ने उसे बहुत सहेज कर रखा था. मधुबाला की मृत्यु के पश्चात वह मुंबई आये, और उस गुलाब को उन्होंने उसकी कब्र पर रख दिया था. बताते हैं कि बतौर आईएएस ऑफीसर रिटायर होने के बाद भी लतीफ हर 23 फरवरी को मुंबई आकर मधुबाला की कब्र पर लाल गुलाब अवश्य चढ़ाते थे. यह भी पढ़ें : Sant Gadge Baba Jayanti 2023 Images: संत गाडगे बाबा जयंती की इन Photo SMS, WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
केदार शर्मा (निर्देशक)
केदार शर्मा ने मधुबाला को पहली बार फिल्म नीलकमल (1947) में बतौर नायिका ब्रेक दिया था. मधुबाला का स्क्रीन टेस्ट लेने के साथ ही उन्हें मधुबाला से प्यार हो गया था. उस समय उनकी उम्र 13 साल थी, प्यार-मोहब्बत की समझ से वे परे थीं. वे भी उनसे दिल लगा बैठीं. लेकिन बढ़ती सफलता के साथ दोनों ने अपने प्रोफेसन को ज्यादा महत्व दिया. हालांकि केदार शर्मा ने मधुबाला को दिल की रानी, चित्तौड़ विजय जैसी फिल्मों में रिपीट किया. लेकिन उनका रिश्ता निर्देशक और एक्ट्रेस तक ही सीमित रहा.
कमाल अमरोही (निर्देशक)
कमाल अमरोही निर्देशित मधुबाला की महल (1949) सुपर हिट हुई थी. माना जाता है कि इस फिल्म के दरम्यान दोनों काफी करीब आये. महल के बाद भी दोनों के रिश्ते बने रहे. मधुबाला के पिता अताउल्ला खां कमाल अमरोही की प्रतिभा के कायल थे. उन्होंने कमाल अमरोही के साथ मधुबाला के निकाह को स्वीकृति भी दे दी थी, लेकिन मधुबाला चाहती थीं कि कमाल अपनी पहली पत्नी को तलाक दें, तभी उनसे निकाह करेंगी. कमाल चाहते थे कि दोनों ही उनकी पत्नी बनकर रहें. लेकिन मधुबाला ने दूसरी पत्नी बनने से साफ मना कर दिया. इस तरह यह निकाह नहीं हो सका.
प्रेमनाथ (अभिनेता)
मधुबाला प्रेमनाथ के साथ पहली फिल्म बादल (1951) कर रही थीं. मधुबाला प्रेमनाथ के लंबे-चौड़े व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित थीं. कहते हैं कि बादल की शूटिंग के पहले दिन मधुबाला प्रेमनाथ के मेकअप रूम में आईं और एक खिला गुलाब और चिट्ठी उनके हाथ पर रखकर चली गयीं. चिट्ठी में लिखा था कि तुम मुझसे प्यार करते हो तो गुलाब को कबूल करो. प्रेमनाथ चिट्ठी पढ़कर झूम उठे, आखिर फिल्म इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत औरत ने उन्हें प्रपोज किया था. उन्होंने तुरंत कहा कुबूल है कुबूल है. इसके बाद दोनों का प्रेम परवान चढ़ता रहा. एक दिन अचानक मधुबाला ने उनसे दूरियां बनानी शुरू कर दी. क्यों? यह आज तक रहस्य है.
दिलीप कुमार (अभिनेता)
उन दिनों मधुबाला दिलीप कुमार के साथ फिल्म तराना (1951) कर रही थीं. प्रेमनाथ से अलगाव के बाद मधुबाला दिलीप कुमार के मैनरिज्म से प्रभावित हुईं. 18 साल की मधुबाला और 29 साल के दिलीप कुमार के बीच जल्दी रिश्ते प्रगाढ़ हुए. दोनों 7 साल तक रिलेशनशिप में रहे. लेकिन फिल्म नया दौर के लोकेशन को लेकर मधुबाला के पिता अताउल्ला खान की निर्देशक बीआर चोपड़ा से तकरार हुई. बात कोर्ट तक पहुंची. मधुबाला को विश्वास था कि उनका प्यार जीतेगा और दिलीप कुमार उनके साथ होंगे. लेकिन दिलीप कुमार बीआर के पक्ष में चले गये. यह बात अताउल्ला खान को पसंद नहीं आई. उनकी रजामंदी के बिना दोनों की प्रेम कहानी का द-एंड हो गया. कहते हैं, मुगल-ए-आजम के दौरान दिलीप कुमार मधुबाला के बीच रिश्तों में खटास आ चुकी थी. लेकिन दोनों ही फिल्म नहीं छोड़ने के लिए वचनबद्ध थे.
जुल्फिकार अली भुट्टो (पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ)
साल 1950 तक जुल्फिकार अली भुट्टो भारत और पाकिस्तान दोनों जगह रहते थे. मुंबई में उनके पास काफी अचल संपत्ति थी. वे भी मधुबाला की खूबसूरती पर फिदा थे. मधुबाला से मिलने वे मुगल-ए-आजम के सेट पर आते थे. फिल्म के एक गाने ‘मोहे पनघट पे नंदलाल.. की शूटिंग के दौरान वे पूरे समय सेट पर रहते थे. स्टूडियो में दोनों एक टेबल पर लंच करते थे, भुट्टो की हाजिर जवाबी से मधुबाला खूब ठहाके लगाती. लेकिन तब भुट्टो की दो शादियां हो चुकी थी. फिर राजनीति में उतरने के बाद उन्हें भारत छोड़ पाकिस्तान में बसना पड़ा, लिहाजा दोनों के रिश्ते रहस्य में रहे. कहा जाता है कि भुट्टो और मधुबाला के रिश्तों की बातें मधुबाला की डायरी में दर्ज थी, जिसे अताउल्ला खान ने मधुबाला के साथ उसकी कब्र में ही दफन कर दिया था.
किशोर कुमार (अभिनेता/गायक)
मधुबाला पर किशोर कुमार भी खूब फिदा थे. दिलीप कुमार से अलगाव के दौरान मधुबाला को उनकी दिल की बीमारी का पता चला था. वह लंदन में अपना इलाज कराने की सोच रही थीं. तभी किशोर कुमार ने उन्हें प्रपोज किया. दिलीप कुमार से धोखा खाने से टूट चुकी मधुबाला ने किशोर कुमार के प्रपोज को स्वीकारते हुए 1960 में उनसे विवाह कर लिया. कहते हैं कि उन दिनों किशोर कुमार पर आयकर का भारी बकाया था, उन्हें लगा मधुबाला से उन्हें मदद मिलेगी, जबकि गिरती सेहत से परेशान मधुबाला उनके लिए वक्त नहीं निकाल पा रही थीं. किशोर को जब डॉक्टर से पता चला कि मधुबाला ज्यादा दिन जीवित नहीं रहेंगी, उन्होंने कार्टर रोड पर एक बंगला खरीदकर उन्हें एक नर्स के साथ वहां शिफ्ट करवा दिया. कभी-कभार मिलने चले जाते थे. कहा जाता है कि अपने अंतिम समय में हर व्यक्ति के दिलों में बसने वाली मधुबाला नितांत अकेली पड़ गई थीं. अंततः 23 फरवरी 1969 में मधुबाला का निधन हो गया.