Sant Gadge Baba Jayanti 2023 Images: संत गाडगे बाबा जयंती की इन Photo SMS, WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
संत गाडगे बाबा जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

Sant Gadge Baba Jayanti 2023 Images: भारत के महान संतों में शुमार संत गाडगे बाबा (Sant Gadge Baba) को अंधविश्वास से बर्बाद हुए समाज को सार्वजनिक शिक्षा और ज्ञान प्रदान करने में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. आज उनकी जयंती (Sant Gadge Baba Jayanti) मनाई जा रही है. उनका मानना था कि अगर पैसों की तंगी हो तो खाने के बर्तन बेच दो, औरत के लिए कम कीमत वाले कपड़े खरीदो, टूटे-फूटे मकान में रहो, लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा जरूर प्रदान करो. संत गाडगे बाबा का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अंजनगांव सुरजी तालुका में एक धोबी परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम डेबूजी ढिंगराजी जानोरकर था. अपने जीवन काल में उन्होंने सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने, शिक्षा और स्वच्छता संबंधी सुधारों की शुरुआत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

स्वच्छता संबंधी सुधारों के लिए संत गाडगे बाबा ने कई गांवों का भ्रमण किया और गांव में प्रवेश करते ही वो नाले व सड़कों की सफाई शुरु कर देते थे. उस काम के लिए ग्रामीण उन्हें पैसे देते थे, जिसका उपयोग वे शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, धर्मशालाओं और पशु आश्रयों के निर्माण के लिए करते थे. संत गाडगे बाबा जयंती के इस खास अवसर पर आप इन इमेजेस, फोटो एसएमएस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- संत गाडगे बाबा जयंती की शुभकामनाएं

संत गाडगे बाबा जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

2- संत गाडगे बाबा जंयती की बधाई

संत गाडगे बाबा जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

3- संत गाडगे बाबा जयंती

संत गाडगे बाबा जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

4- संत गाडगे बाबा जयंती 2023

संत गाडगे बाबा जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी संत गाडगे बाबा जयंती

संत गाडगे बाबा जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

गाडगे महाराज ने महाराष्ट्र में कई स्थानों पर धर्मशाला, गौशाला, विद्यालय, चिकित्सालय, छात्रावास इत्यादि के निर्माण कराए थे. उन्होंने अपना सर्वस्व मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया, लेकिन कभी अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई. संत गाडगे महाराज डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयायी थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में पशु बलि और शराब के सेवन के खिलाफ भी अभियान चलाए. वे नशाखोरी, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराईयों, मजबूरों व किसानों के शोषण के विरोधी थे. बताया जाता है कि 20 दिसंबर 1956 को वे ब्रह्मलीन हो गए थे.