Yamla Pagla Deewana Phir Se Quick Movie Review: काफी स्लो है पहला हाफ, अभी तक देओल परिवार की इस फिल्म ने किया है निराश
फिल्म 'यमला पगला दीवाना' का पोस्टर (Photo Credits : Twitter)

फिल्म 'यमला पगला दीवाना' 31 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है. इस फिल्म का क्लैश राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म 'स्त्री' से होगा. इससे पहले 'यमला पगला दीवाना' सीरीज की 2 फिल्में आ चुकी हैं. जहां पहले पार्ट ने दर्शकों को खूब हंसाया था, वहीं दूसरे पार्ट को मिली जुली प्रतिक्रिया मिली थी. फिल्म 'यमला पगला दीवाना फिर से' में धर्मेद्र, सनी देओल, बॉबी देओल और कृति खरबंदा मुख्य भूमिका में है. इस वक़्त हम इस फिल्म का प्रेस शो देख रहे हैं. फिल्म का पहला हाफ समाप्त हो चुका है और हम आपके लिए इसका क्विक रिव्यू लेकर आएं है.

फिल्म की शुरुआत में दिखाया जाता है कि पूरण (सनी देओल) आयुर्वेद के जानकार है. उन्हें एक ऐसी जड़ीबूटी बनानी आती है, जिसका फॉर्मूला किसी को नहीं पता. इस जड़ीबूटी का नाम वज्रकवच है.

काला (बॉबी देओल) की मदद से एक दवाइयों की कंपनी का मालिक सनी देओल के पास उनकी जड़ीबूटी खरीदने जाता है पर सनी देओल उसे मारकर भगा देते हैं. परमार (धर्मेंद्र) काला और पूरण के घर में लंबे समय से किरायदार है, जो उन्हें मात्र 115 किराया देता है और उनके घर के कमरे पर कब्ज़ा कर बैठा हुआ है.इसी बात को लेकर कोर्ट में एक मुकदमा भी चल रहा है. चीकू (कृति खरबंदा) सनी देओल के यहां आयुर्वेद पर रिसर्च करने आती है.

चीकू और काला में अच्छी दोस्ती हो जाती है. काला चीकू को पसंद करने लगता है. फिर दिखाया जाता है कि कृति का वहां आने का मकसद कुछ और होता है. पहले हाफ के अंत में एक साधारण सा ट्विस्ट दिया जाता है.

पहला हाफ काफी स्लो साबित होता है. फिल्म में इस्तेमाल किये जोक्स हंसाने में असफल होते है.फिल्म की कहानी काफी कमजोर है और म्यूजिक भी साधरण है. बॉबी देओल, सनी देओल, धर्मेंद्र और कृति खरबंदा का अभिनय अच्छा है पर कमजोर कहानी और डायलॉग की वजह से अभी तक इस फिल्म ने निराश किया है.

उम्मीद है आपको फिल्म 'यमला पगला दीवाना फिर से' का यह क्विक रिव्यू पसंद आया होगा. जल्द ही हम आपके लिए इस फिल्म का फ़ुल रिव्यू पेश करेंगे.