Asha Bhosle's Birthday: आशा भोसले के 7 प्रसिद्ध गाने जिन्हें मिले Filmfare Awards, देखिए पूरी लिस्ट (Watch Videos)
आज प्रसिद्ध पार्श्व गायिका आशा भोसले का 90वां जन्मदिन है, जिनकी सुरीली आवाज ने कई पीढ़ियों के संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया है.
Asha Bhosle's Birthday: आज प्रसिद्ध पार्श्व गायिका आशा भोसले का 90वां जन्मदिन है, जिनकी सुरीली आवाज ने कई पीढ़ियों के संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया है. जैसा कि हम संगीत की दुनिया में उनकी उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाते हैं, उन 7 सदाबहार गीतों का सम्मान करना उचित है, जिन्होंने न केवल दिलों को लुभाया, बल्कि उन्हें प्रतिष्ठित फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलवाया.
गरीबों की सुनो - दस लाख (1966)
इस गाना में आशा भोसले की भावपूर्ण प्रस्तुति ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया, जिसने उनके शानदार करियर के लिए मंच तैयार किया.
परदे में रहने दो - शिकार (1968)
इस उमस भरे और कामुक ट्रैक ने आशा भोसले को अपना दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया, जिससे एक बहुमुखी गायिका के रूप में उनकी प्रतिष्ठा मजबूत हुई.
पिया तू अब तो आजा - कारवां (1971)
इस गीत का मोहक आकर्षण प्रतिष्ठित हो गया, और आशा भोंसले को उनके मनमोहक गायन के लिए एक और फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.
दम मारो दम - हरे रामा हरे कृष्णा (1972)
यह हिप्पी गान एक सनसनी बन गया, और आशा भोंसले के शानदार प्रदर्शन ने एक बार फिर उनकी प्रशंसा हासिल की.
होने लगी है रात - नैना (1973)
इस रोमांटिक ट्रैक में आशा भोंसले की अभिव्यंजक प्रस्तुति ने उनके प्रभावशाली संग्रह में एक और फिल्मफेयर ट्रॉफी जोड़ दी.
चैन से हमको कभी - प्राण जाए पर वचन ना जाए (1974)
इस मधुर रत्न ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें एक और फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.
ये मेरा दिल - डॉन (1978) इस गीत का मोहक आकर्षण आशा भोंसले के करिश्माई गायन द्वारा बढ़ाया गया था, जिससे उन्हें प्रतिष्ठित फिल्मफेयर पहचान मिली.
आशा भोसले के सात दशकों से अधिक के उल्लेखनीय करियर ने न केवल भारतीय संगीत को समृद्ध किया है, बल्कि उन्हें दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों में एक अद्वितीय स्थान भी दिलाया है. जैसा कि हम उनका 90वां जन्मदिन मना रहे हैं, आइए इन अविस्मरणीय गीतों को फिर से देखें जो बॉलीवुड संगीत इतिहास के इतिहास में गूंजते रहते हैं, हमें हमेशा उनकी अद्वितीय प्रतिभा और कालातीत योगदान की याद दिलाते हैं.