Selfiee Movie Review: कमजोर कहानी के साथ खुद के ही स्टारडम में उलझे दिखे Akshay Kumar, Emraan Hashmi ने काफी हद तक संभाली पारी

जिस तरह से बीते कुछ वक्त में साउथ फिल्मों के हिन्दी रीमेक भारतीय बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए, वही सेल्फी के साथ होता लगता है. फिल्म की कहानी बेदम और उबाऊ है, साथ ही अक्षय कुमार खुद के ही स्टारडम में डूबे नजर आते हैं.

Akshay Kumar (Photo Credits: Instagram)

Selfiee Movie Review: डायरेक्टर राज मेहता फिल्म गुड न्यूज, जुग जुग जीयो के बाद अब अक्षय कुमार और इमरान हाशमी के साथ सेल्फी लेकर आए हैं. यह फिल्म मलयालम की हिट फिल्म ड्राइविंग लाइसेंस का हिन्दी रीमेक है. जिस तरह से बीते कुछ वक्त में साउथ फिल्मों के हिन्दी रीमेक भारतीय बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए, वही सेल्फी के साथ होता लगता है. फिल्म की कहानी बेदम और उबाऊ है, साथ ही अक्षय कुमार खुद के ही स्टारडम में डूबे नजर आते हैं. हालांकि देखा जाए तो अक्षय कुमार के लिए इस फिल्म का हिट होना काफी जरूरी है. इससे पहले उनकी चार मेगा बजट फिल्में बच्चन पांडे, सम्राट पृथ्वीराज, रक्षा बंधन और रामसेतु बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही हैं. Akshay Kumar के लिए, 'फिटनेस कोई विकल्प नहीं है, यह जीने का तरीका है'

फिल्म की कहानी शुरु होती है ओमप्रकाश अग्रवाल (इमरान हाशमी) से, जो भोपाल के आरटीओ ऑफिस में सब इंस्पेक्टर है. साथ ही वह विजय कुमार (अक्षय कुमार) का बहुत बड़ा फैन है. कहना चाहिए कि ओमप्रकाश विजय कुमार को अपना भगवान मानता है. फिल्म में एक डायलॉग है, आत्मसम्मान जब दिल पर आ जाए तो दिमाग खराब हो जाता है. अब यही होता है ओमप्रकाश के साथ. सुपरस्टार विजय कुमार  अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए भोपाल आते हैं और उन्हें अर्जेंट में फिल्म की शूटिंग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए है. अब ओमप्रकाश को अपने भगवान से मिलने का मौका मिलता है. ओमप्रकाश ड्राइविंग लायसेंस देने के लिए तो तैयार है, बस उसे बदले में एक सेल्फी चाहिए. पर ऐसी स्थिति पैदा होती है कि विजय कुमार आरटीओ तो जाते हैं पर सभी के सामने वे ओमप्रकाश  के आत्मसम्मान को कुचल देते हैं. उस वक्त ओमप्रकाश का बेटा भी मौजूद रहता है, जो अपने पिता के हीरो के साथ सेल्फी लेना चाहता था. यहां से फैन और सुपरस्टार के ईगो की लड़ाई शुरु हो जाती है.

एक्टिंग की बात करें तो अक्षय कुमार अपने स्टारडम में ही उलझे से नजर आए, उन्होंने कुछ भी नया करने की कोशिश भी नहीं की. इमरान हाशमी ने अपने किरदार को काफी अच्छे से पकड़ा और उसे आगे लेकर जाने की कोशिश करते रहे पर कमजोर कहानी की वजह से वे भी मात खाते दिखे. नुसरत भरूचा, डायना पेंटी को स्क्रीन स्पेस काफी कम मिला है, जिससे उनकी एक्टिंग से ज्यादा कुछ उम्मीद भी नहीं की जा सकती है. अभिमन्यु सिंह और मेघना मलिक कम वक्त में भी अपनी छाप छोड़ते दिखे.

किसी पेड़ की जड़ कमजोर है, तो आप पत्तों पर कितना भी पानी उड़ेलो कुछ लाभ नहीं होता. राज मेहता ने इस फिल्म को वीएफएक्स के जरिेए खूब लार्जर देन  लाइफ बनाने की कोशिश की है, इसे बड़े बजट के साथ शूट किया. पर बेजान कहानी ने दिल छल्ली कर दिए. फिल्म का म्यूजिक भी कुछ खास नहीं है. पर हां मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी गाना कमाल का है, रीमेक है पर बड़े पर्दे पर देखना अच्छा लगता है. देखा जाए तो यह गाना फिल्म का हिस्सा भी नहीं है, इसे फिल्म खत्म होने के बाद दिखाया गया है.

फिल्म शुरु होने से पहले अक्षय कुमार कहते नजर आते हैं कि आज मैं जो कुछ भी हूं, अपने फैंस की वजह से हूं. यह फिल्म सभी फैंस के लिए डेडिकेटेड है. अगर आप अक्षय कुमार के डाय हार्ड फैन हैं तो फिल्म को एकबार बड़े पर्दे पर देख सकते हैं. नहीं तो थोड़ा इंतजार का मचा लीजिए, बस एक महीने के भीतर ही, यह फिल्म आपको ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देखने मिल जाएगी. Mumbai के RTO ऑफिस पहुंचे Akshay Kumar

 

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