खेल की खबरें | बिंद्रा ने विनेश के बारे में कहा, आप योद्धा की सच्ची भावना का प्रतीक हैं

पेरिस, आठ अगस्त भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बृहस्पतिवार को पहलवान विनेश फोगाट की सराहना करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई उनके दिल को छू गई और वह ‘योद्धा की सच्ची भावना’ की प्रतीक हैं।

ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं 29 वर्षीय विनेश को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण 50 किग्रा स्वर्ण पदक मुकाबले से अयोग्य घोषित कर दिया गया था जिसके बाद उन्होंने अचानक संन्यास लेने की घोषणा कर दी।

बिंद्रा ने उनसे मुलाकात की कुछ तस्वीरों के साथ ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऐसा कहा जाता है कि खेल मानवीय इच्छाशक्ति का उत्सव है। मैंने अपने करियर में कई बार यह सच होते देखा है लेकिन आज से ज्यादा कभी भी यह सच नहीं हुआ। जब मैं अपने चारों ओर देखता हूं, तो मुझे एक राष्ट्र और उसके लोग आपके दृढ़ संकल्प का जश्न मनाते हुए दिखाई देते हैं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘आप एक योद्धा हैं - मैट पर और मैट से बाहर भी। आपके माध्यम से हम सीख रहे हैं कि हार के बावजूद भी अपने अंदर की लड़ाई को कभी नहीं हारना क्या मायने रखता है। आप एक योद्धा की सच्ची भावना को मूर्त रूप देती हैं।’’

एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता तीन बार की ओलंपियन विनेश ने अपना वजन 50 किग्रा के भीतर रखने के लिए कई तरह के उपाय किए जिसमें भूखे रहना, तरल पदार्थों से परहेज करना और पूरी रात जागकर पसीना बहाना शामिल था।

हालांकि वह वजन को भार वर्ग के दायरे में नहीं आ पाईं। अंत में उनके शरीर में पानी की कमी हो गई और उन्हें खेल गांव के एक पॉली क्लिनिक में भर्ती किया गया।

बिंद्रा ने अपनी पोस्ट में आगे कहा, ‘‘सभी जीत एक जैसी नहीं होतीं। कुछ जीतें कैबिनेट में एक शानदार स्मारिका के रूप में समाप्त हो जाती हैं लेकिन जो अधिक मायने रखती हैं, वे हमारे बच्चों को बताई जाने वाली कहानियों में अपना रास्ता बना लेती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और इस देश का हर बच्चा आपको चैंपियन के रूप में जानेगा। हर बच्चा आपके द्वारा दिखाए गए जज्बे के साथ जीवन का सामना करना चाहेगा। मैं इसके लिए आपको धन्यवाद करता हूं।’’

विनेश ने ओलंपिक फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ बुधवार को खेल पंचाट (कैस) में अपील की थी जिसमें मांग की गई है कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए। अभी इस पर फैसला होना बाकी है।

हरियाणा की इस पहलवान ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर एक महीने से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया था जिन पर महिला पहलवानों ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

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