राज्य में लागू हुए एक नए कानून के तहत यौन हिंसा पीड़ितों को दशकों पहले हुए अपराधों के खिलाफ भी मामला दायर कराने की अनुमति दी गई है. इस कानून के लागू होने के कुछ ही मिनट बाद लेखिका ई. जीन कैरोल ने मुकदमा दायर किया. कैरोल के वकील ने ‘एडल्ड सर्वाइवल्स एक्ट’ के तहत यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने संबंधी समयसीमा अस्थायी रूप से हटाए जाने के बीच इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कानूनी दस्तावेज दायर किए.
कैरोल ने उन्हें हुए दर्द और पीड़ा, मानसिक क्षति, गरिमा को पहुंची ठेस और प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए मुआवजा दिए जाने और आरोपी को दंड दिए जाने का अनुरोध किया है. ‘एले’ पत्रिका के लिए एक लंबे समय तक स्तंभ लिखने वाली कैरोल ने 2019 में छपी एक किताब में पहली बार आरोप लगाया था कि ट्रंप ने 1995 के अंत में या 1996 की शुरुआत में मैनहट्टन के एक लक्जरी डिपार्टमेंटल स्टोर के ड्रेसिंग रूम में उनसे बलात्कार किया था. यह भी पढ़ें : फॉक्सकॉन ने चीन की फैक्टरी में वेतन विवाद पर माफी मांगी
ट्रंप ने इन आरोपों के जवाब में कहा था कि ऐसा कभी नहीं हो सकता था क्योंकि कैरोल ‘‘मेरे ‘टाइप’ की नहीं हैं.’’ इसके बाद कैरोल ने ट्रंप के खिलाफ मानहानि का मामला भी दायर किया था. इससे पहले कानून के तहत कैरोल को कथित घटना को हुए कई वर्ष बीत जाने के कारण ट्रंप के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दायर करने से रोक दिया गया था.