देश की खबरें | बीएपीएस स्वयंसेवकों के काम से वैश्विक स्तर पर भारत का प्रभाव बढ़ा : मोदी

अहमदाबाद, सात दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के स्वयंसेवकों द्वारा की गई सेवा देश को शक्ति प्रदान करती है तथा विश्व में भारत के प्रभाव को बढ़ाती है।

प्रधानमंत्री ने यहां नरेन्द्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में बीएपीएस संप्रदाय के स्वयंसेवकों के एक सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि देश ने 2047 तक विकसित बनने का लक्ष्य रखा है और अगले दो दशक बीएपीएस स्वयंसेवकों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल इस कार्यक्रम में मौजूद थे, जिसमें हजारों स्वयंसेवकों ने भागीदारी की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीएपीएस द्वारा किया गया कार्य भगवान स्वामीनारायण की शिक्षाओं के माध्यम से दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है, लाखों आत्माओं को छू रहा है और समाज के सबसे निचले छोर पर खड़े अंतिम व्यक्ति को सशक्त बना रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए आप प्रेरणा बनते हैं, पूजे जाते हैं और पूजनीय होते हैं। बीएपीएस का काम भारत को ताकत देता है, पूरे विश्व में भारत के प्रभाव को मजबूत करता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति में कहा गया है कि ‘सेवा परमो धर्म’ (सेवा सबसे बड़ा धर्म है)। ये सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये हमारे जीवन मूल्य हैं। सेवा को आस्था, विश्वास और व्रत से भी ऊंचा स्थान दिया गया है...जब यह सेवा एक संस्था, एक आंदोलन के रूप में, हजारों कार्यकर्ताओं के साथ संगठित तरीके से की जाती है, तो अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस तरह की संगठित सेवा में समाज और देश की समस्याओं को हल करने और सामाजिक बुराइयों को मिटाने की क्षमता है। मोदी ने कहा कि चाहे भुज में भूकंप हो, केरल में बाढ़ हो, उत्तराखंड में भूस्खलन हो या कोविड-19 महामारी हो, बीएपीएस स्वयंसेवकों ने हर संकट के दौरान लोगों की करुणा के साथ सेवा की।

उन्होंने कहा कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ और भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का फैसला किया, तो बीएपीएस स्वयंसेवकों ने मदद की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने शायद मध्यरात्रि के बाद बीएपीएस के एक संत से बात की। मैंने बड़ी संख्या में पोलैंड (यूक्रेन से) पहुंचने वाले भारतीयों के लिए मदद का अनुरोध किया। मैंने देखा कि कैसे पूरे यूरोप से बीएपीएस स्वयंसेवकों को एक साथ लाया गया और आपने पोलैंड पहुंचने वाले भारतीयों की कैसे मदद की।’’

मोदी ने कहा कि देश के लोगों ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है, इसलिए अगले 25 वर्षों की यात्रा बीएपीएस स्वयंसेवकों के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि भारत के लिए।

उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं सभी बीएपीएस स्वयंसेवकों से संकल्प लेने और समर्पण के साथ काम करने के लिए कहूंगा। मैं आपसे प्राकृतिक खेती, विविधता में एकता की भावना फैलाने, युवाओं की रक्षा के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई, नदियों को पुनर्जीवित करने या पृथ्वी के भविष्य को बचाने के लिए टिकाऊ जीवन शैली जैसे विकल्पों पर काम करने का आग्रह करता हूं।’’

मोदी ने कहा कि बीएपीएस स्वयंसेवकों का यह जमावड़ा भगवान स्वामीनारायण की शिक्षाओं का उत्सव है। उन्होंने कहा, ‘‘28 देशों में भगवान स्वामीनारायण के 1,800 मंदिरों का निर्माण, 21,000 से अधिक आध्यात्मिक केंद्रों की स्थापना और बीएपीएस द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाएं जब दुनिया यह देखती है, तो उसे भारत का आध्यात्मिक विस्तार और आध्यात्मिक पहचान दिखाई देती है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये मंदिर भारत के सांस्कृतिक प्रतिबिंब हैं, प्राचीनतम सांस्कृतिक अस्तित्व के केंद्र हैं। जब कोई व्यक्ति इनसे जुड़ता है, तो वह भारत की ओर आकर्षित हुए बिना नहीं रह सकता।’’

मोदी ने फरवरी में अबू धाबी में उनकी उपस्थिति में बीएपीएस मंदिर के उद्घाटन को याद करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की चर्चा दुनिया भर में हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया ने भारत की आध्यात्मिक विरासत, भारत की सांस्कृतिक जीवंतता देखी है। ऐसे प्रयासों से दुनिया ने भारत के सांस्कृतिक गौरव और मानवतावाद को देखा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रदाय के नेता सहजानंद स्वामी के जीवन का हर पल मानवतावादी कार्यों के लिए समर्पित था। उन्होंने कहा, ‘‘आज बीएपीएस दुनिया में वही प्रकाश फैला रहा है।’’

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