देश की खबरें | ओखला के चिकित्सक को मोहपाश में फंसाने के आरोप में भोपाल से महिला गिरफ्तार: पुलिस

नयी दिल्ली, 21 जून मध्य प्रदेश के भोपाल से एक महिला (56) को लोगों को मोहपाश में फंसाकर ब्लैकमेल करने और उनसे जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जामिया नगर पुलिस थाने में धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत 2018 में दर्ज एक मामले में वांछित भोपाल निवासी जौहरा जबी उर्फ परवीन को अपराध शाखा की जबरन वसूली एवं अपहरण रोधी प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने बताया कि जोहरा जबी 2018 से फरार थी और उसकी गिरफ्तारी पर बीस हज़ार रुपये का नकद इनाम था।

उन्होंने कहा कि उसके दो साथियों, नूर मजहर उर्फ असलम और महेंद्र को 2019 में विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था।

पुलिस के अनुसार, 2018 में एक चिकित्सक ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि इलाज के लिए अपने घर पर बुलाने के बाद परवीन नाम की एक महिला ने उन्हें मोहपाश में फंसाया था।

चिकित्सक ने आरोप लगाया था कि महिला इलाज के लिए उसके क्लिनिक भी आयी थी। महिला ने उससे कहा था कि वह सऊदी अरब के मक्का की रहने वाली है और शहर में अकेली है।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एक बार महिला ने उन्हें चिकित्सीय आपात स्थिति का बहाना बनाकर अपने आवास पर बुलाया और उसके साथ यौन संबंध बनाने का लालच दिया।

कथित तौर पर वहां पहले से मौजूद उसके साथियों ने महिला के साथ चिकित्सक का वीडियो बनाकर उससे 50 लाख रुपये की मांग की।

पुलिस उपायुक्त (अपराध) रोहित मीणा ने बताया कि चिकित्सक की शिकायत के बाद जामिया नगर पुलिस थाने में जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने जांच शुरू की।

मीणा ने कहा ''16 जून को हमें गुप्त सूचना मिली थी कि महिला भोपाल में झूठी पहचान के साथ रह रही है। इसके बाद एक दल को भोपाल भेजा गया और 18 जून को जोहरी जबी को उसके घर से पकड़ लिया गया।''

पूछताछ करने पर महिला ने अपनी असली पहचान बताई और खुलासा किया कि गिरोह का सरगना जहांगीर उर्फ शेखू उसका चचेरा भाई था।

आरोपी महिला ने खुलासा किया कि घटना के समय, वह अपने गृहनगर महाराष्ट्र के होशंगाबाद में रहती थी और उसके चचेरे भाई ने उसे धनी लोगों से पैसे वसूलने के लिये अपने गिरोह का हिस्सा बनने के वास्ते दिल्ली बुलाया था।

मीणा ने बताया, ''महिला ने मोहपाश की घटना को अंजाम देने के लिए जाकिर नगर में एक आवास किराए पर लिया था। इन सबके अलावा महेंद्र और नूर मजहर भी इस गिरोह का हिस्सा थे।''

उन्होंने कहा, ''आरोपी महिला अपने चचेरे भाई के निर्देशानुसार इलाके के अमीर लोगों को फंसाती थी, जबकि महेंद्र छिपकर वीडियो बनाता था और नूर मजहर को ऐसे लोगों से धन की वसूली करने का काम सौंपा जाता था।''

पुलिस ने कहा कि महिला ने चिकित्सक, बेकरी मालिकों और बिल्डरों से लेकर व्यवसायियों तक इलाके के कम से कम दस लोगों को फंसाया।

किस व्यक्ति को जाल में फंसाना है, इसकी जानकारी उसे उसके चचेरे भाई द्वारा प्रदान की जाती थी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)