नयी दिल्ली, 24 अप्रैल् कोविड-19 मरीजों की जान बचाने के लिए बेशकीमती मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर पहली दो ट्रेन उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र पहुंची। आम कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए रक्षा क्षेत्र के अस्पतालों को भी खोल दिया गया है और वायुसेना के विमान भी ऑक्सीजन टैंकर को पहुंचाने का काम कर रहे है ताकि अस्पतालों में तेजी से कम हो रही इस प्राण रक्षक गैस को पहुंचाया सकें।
शनिवार को देश में कोविड-19 के 3.46 लाख नए मामले आने और 2,624 लोगों की मौत होने से स्थिति और विकट हो गई।
दिल्ली के दो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से 26 मरीजों की मौत हो गई जबकि राष्ट्रीय राजधानी सहित कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है। ये अस्पताल मरीजों की जरूरत को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे है और उन्होंने सरकार से मदद की अपील की है।
देश में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार ने शनिवार को कोविड-19 रोधी टीके, उपचार में काम आने वाली ऑक्सीजन गैस और संबंधित उपकरणों के आयात पर मूल सीमा शुल्क की छूट की घोषणा की।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में शुल्क हटाने के ये निर्णय किए गए। प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन और ऑक्सीजन संबंधी उपकरणों की आपूर्ति बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
मोदी ने जोर दिया कि घर या अस्पतालों में मरीजों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए चिकित्सीय ऑक्सीजन और संबंधित उपकरणों को जुटाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने इस संदर्भ में सभी मंत्रालयों और विभागों को मिलकर काम करने को कहा।
ऑक्सीजन के गंभीर संकट के बीच दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 अत्यंत बीमार मरीजों की रात भर में मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले पांच दिन से गंभीर हालत में इलाज करा रहे कोविड-19 मरीजों के लिए जरूरी ऑक्सीजन की कमी चल रही है।
अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ डी के बलूजा ने पीटीआई- को बताया, “भंडार कम होने की वजह से ऑक्सीजन का दबाब घट गया है।”
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