जरुरी जानकारी | विदेशों में खाद्यतेलों के दाम टूटने से देशी तेल तिलहन के थोक दाम नरम

नयी दिल्ली, आठ जनवरी विदेशी बाजारों में खाद्यतेलों के दाम टूटने के बीच पहले से दवाब झेल रहे देशी तेल तिलहनों के दाम में सोमवार को और गिरावट आई। इससे देश के तेल-तिलहन बाजारों में मूंगफली और सरसों तेल तिलहन कीमतों में नरमी रही।

बाजार सूत्रों के अनुसार शिकागो एक्सचेंज में दो प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट है तथा मलेशिया एक्सचेंज में भी एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। सोयाबीन डीगम के दाम में और गिरावट आई है जबकि पाम पामोलीन तेल की जाड़े की मांग वैसे ही कम रहती है।

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में भारी गिरावट के बीच यहां देशी सरसों और मूंगफली तेल तिलहन के थोक दाम टूट गये और बाकी तेलों पर इस गिरावट का असर कल सुबह बाजार खुलने के बाद देखने को मिल सकता है। वैसे देखा जाये तो बाजार में लिवाल नजर नहीं आ रहे और बाजार में दाम ऊंचा बोले जा रहे हैं।

इस गिरावट के साथ देशी तेल तिलहनों के ना खपने की मुसीबत और बढ़ गई है। विदेशी बाजार की इस अनिश्चितता और गिरावट का शिकार सरसों तेल तिलहन के बनने की संभावना बढ़ गयी है। ध्यान रहे सस्ते आयातित खाद्यतेलों के कारण पहले ही पिछले साल का सरसों का स्टॉक बचा हुआ है और इस बार की नयी फसल के हश्र का अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि जहां विदेशी खाद्यतेलों के दाम जमीन पर लोट रहे हैं तो ऊंची लागत वाले देशी तेल तिलहन कहां खपेंगे ?

सूत्रों ने कहा कि यह स्थिति, तेल तिलहन उद्योग, तेल पेराई मिलों, देश के जुझारू तिलहन किसानों के हौसले का इम्तेहान लेता प्रतीत हो रहा है जिनकी ताकत निचुड़ चुकी है। इन सबके बावजूद उपभोक्ताओं को खाद्यतेल सस्ता नहीं मिल रहा क्योंकि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) ज्यादा रखे जाने की आड़ में उनसे अधिक कीमत वसूली जारी है।

तेल संस्थानों द्वारा मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी जैसे खाद्यतेल की कीमतों के जो आंकड़े पेश किये जाते हैं उसकी हकीकत उपभोक्ताओं को खुदरा बाजार की कीमत का जायजा लेने के बाद पता चलता है। इस विसंगति को दुरुस्त करने का प्रयास या पहल फिलहाल दिख नहीं रहा।

उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा नीचे दाम पर बिकवाली नहीं करने की वजह से सोयाबीन तिलहन कीमत में मामूली सुधार रहा जबकि सोयाबीन तेल के दाम जस के तस बने रहे। जाड़े में पाम, पामोलीन की लिवाली प्रभावित रहने के बीच सीपीओ और पामोलीन के दाम भी यथावत रहे। बिनौला तेल भी पूर्वस्तर पर ही बंद हुआ।

सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 5,350-5,400 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,665-6,740 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,750 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,350-2,625 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,675 -1,770 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,675 -1,775 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 7,750 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,250 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 8,900 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,125 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,975-5,005 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,785-4,825 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,050 रुपये प्रति क्विंटल।

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