ताइवान की वायरस चेतावनी को नजरअंदाज करने के आरोप को डब्ल्यूएचओ ने खारिज किया

जिनेवा, 10 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डल्ब्यूएचओ) ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि उसने पिछले साल चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद इंसानों से इंसान में संक्रमण होने की ताइवान की चेतावनी को नजरंअदाज किया।

अमेरिका ने विश्व निकाय पर आरोप लगाया था कि ‘‘राजनीति को पहले’’ रखते हुए उसने पिछले साल दिसंबर में ताइवान की चेतावनी को नजरअंदाज किया और इस तरह से चीन को महामारी की विभीषिका छिपाने में मदद की।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ का वित्तपोषण रोकने की धमकी दी है जो कोरोना वायरस की महामारी को रोकने में अहम भूमिका निभा रहा है। उल्लेखनीय है कि चीन के वुहान में महामारी फैलने के बाद से अबतक 16 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।

अमेरिका ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘वह इस बात से परेशान है कि ताइवान द्वारा दी गई सूचना को डब्ल्यूएचओ ने छिपाया जो 14 जनवरी 2020 को जारी उसके उस बयान से भी झलकता है जिसमें उसने कहा कि इंसान से इंसान में संक्रमण होने का कोई संकेत नहीं है।’’

जिनेवा से संचालित संयुक्त राष्ट्र के संगठन डब्ल्यूएचओ ने एएफपी को भेजे ई-मेल में इन आरोपों से इनकार किया है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसे ताइवान प्रशासन से 31 दिसंबर 2019 को ई-मेल मिला जिसमें वुहान में 2002-2003 में फैले सार्स से अलग निमोनिया जैसी बीमारी की खबर थी।

विश्व संगठन ने कहा कि ई-मेल में कहीं भी संक्रमण के मानव से मानव में फैलने का जिक्र नहीं था।

संयुक्त राष्ट्र के निकाय ने कहा कि उसने ताइवान प्रशासन से कहा है कि वह उस संदेश की जानकारी दे जिसमें संक्रमण के बारे में बताया गया है। उसने कहा ‘‘हमें एक ही ई-मेल मिलने की जानकारी है जिसमें इंसानों के बीच संक्रमण फैलने का जिक्र नहीं है। हालांकि, इस संबंध में ताइवान से कोई जवाब नहीं आया।’’

डब्ल्यूएचओ के अध्यक्ष टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने विश्व नेताओं से वायरस का राजनीतिकरण नहीं करने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि यह समय आवश्यक संगठनों की आलोचना का नहीं है।

उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ और ताइवान के संबंध महामारी से पहले से ही तनावपूर्ण थे लेकिन गत तीन महीनों में दोनों के संबंध और खराब हुए हैं।

टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस के आलोचकों का कहना है कि उनके नेतृत्व में डब्ल्यूएचओ का झुकाव चीन की ओर है और यहां तक कि संगठन ने चीन के कार्यों की प्रशंसा की।

कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डब्ल्यूएचओ के पास वुहान तक जाने के लिए चीन का सहयोग करने के अलावा सीमित विकल्प था।

उल्लेखनीय है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों से उसे निकालने की मांग कर रहा है।

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