जिस राज्य में मुख्यमंत्री ही असुरक्षित हैं, वहां आम लोगों का क्या हाल होगा: पूर्व सीएम रघुवर दास
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में कानून एवं कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने का मंगलवार को आरोप लगाते हुए कहा कि जिस राज्य का मुखिया, वहां का मुख्यमंत्री ही असुरक्षित हो और उसे जान से मारने की धमकी दी जाये वहां आम लोगों का क्या हाल होगा?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में कानून एवं कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने का मंगलवार को आरोप लगाते हुए कहा कि जिस राज्य का मुखिया, वहां का मुख्यमंत्री ही असुरक्षित हो और उसे जान से मारने की धमकी दी जाये वहां आम लोगों का क्या हाल होगा?झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया है कि आठ जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जान से मारने की धमकी देने वाला शख्स आज भी पुलिस की पकड़ के बाहर है और मजबूरी में प्रशासन को मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करनी पड़ी है.
पूर्व मुख्यमंत्री दास ने कहा कि झारखंड में कानून और व्यवस्था की मिशनरी फेल हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गयी है। लोग अपने ही राज्य में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस राज्य का मुख्यमंत्री ही स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा हो और उसे जान से मारने की धमकी देने वाला शख्स पुलिस की पकड़ से बाहर हो। प्रशासन को मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करनी पड़े तो इससे अधिक चिंता का विषय और क्या हो सकता है? यह भी पढ़े | Rajasthan Political Crisis: CM अशोक गहलोत ने कहा, पार्टी से विश्वासघात करने वाले जनता के सामने अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे.
दास ने मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में पिछले माह एक युवा व्यवसायी अरूण शाह की अपहरण करके गोली मारकर हत्या करने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना से अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि इस हत्याकांड के आरोपी की तलाश में पहुंची बरहेट थाने की पुलिस जीप पर अपराधियों ने हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि हमले में बरहेट के थानेदार हरीश पाठक और जमादार सोरेन को गंभीर चोट आयी और विगत 19 जुलाई को सोरेन की इलाज के दौरान रांची में मृत्यु हो गई एक माह बीत जाने के बावजूद अब तक अपहरणकर्ताओं का कोई अता-पता नहीं चल सका है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने साहेबगंज की एक अन्य घटना का उल्लेख करते हुए कहा है कि यहां सिदो-कान्हू के वशंज रामेश्वर मुर्मू की अपराधियों ने 12 जून को नृशंस हत्या कर दी, लेकिन अभी तक दोषियों का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है. दास ने आरोप लगाया कि राज्य में हालात इतने खराब हो गये हैं कि शहीद सिदो-कान्हू के वंशज को पुलिस पर भरोसा नहीं रहा और हाल में मुख्यमंत्री से राज्य सचिवालय में मुलाकात करके पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों से निपटने में भी असफल साबित हुई है. पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में राज्य में नक्सलवाद लगभग समाप्ति की ओर था लेकिन आज राज्य के हर इलाके में नक्सली गतिविधियां फिर से बढ़ गई हैं.
दास ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के हाथ में प्रशासन की कमान है ही नहीं क्योंकि वह कहते कुछ हैं और होता कुछ और है. उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों और इसके संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं राज्य सरकार तेजी से बढ़ रहे मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में अधिक बिस्तर की व्यवस्था करने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठी है.
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