विदेश की खबरें | ओमीक्रोन के दो स्वरूपों के बारे में हम क्या जानते हैं, जिन्हें कहा जा रहा है ‘चचेरे भाई’
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

लीड्स (ब्रिटेन), 13 नवंबर (द कन्वरसेशन) ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने अक्टूबर के अंत में ओमीक्रोन के दो नए स्वरूपों को बीक्यू.1 और एक्सबीबी का नाम दिया। इसका मतलब है कि स्वास्थ्य अधिकारी इनपर नजर रखेंगे। हालांकि फिलहाल इन्हें चिंताजनक स्वरूप नहीं माना जा रहा है।

अगर ओमीक्रोन के विभिन्न स्वरूपों को एक परिवार के रूप में देखें, इस साल वसंत में ब्रिटेन में प्रभावी रहा बीए.2 स्वरूप (फिलहाल ब्रिटेन में प्रभावी स्वरूप) बीए.5 का जनक है और बीक्यू.1 उसका वंशज है। दूसरे शब्दों में कहें तो बीक्यू.1 बीए.5 का उपस्वरूप है।

एक्सबीबी ओमीक्रोन के बीए.2 के दो उपस्वरूपों बीए.2.10.1 और बीए.2.75 का एक संकर (हाइब्रिड) स्वरूप है। लिहाजा एक्सबीबी बीए.2 का दूसरा वंशज है। इस तरह एक्सएक्सबी और बीक्यू.1 एक ही परिवार से आते हैं और ‘चचेरे भाई’ हैं।

जब दो अलग-अलग उप-स्वरूपों की आनुवंशिक सामग्री के कुछ हिस्से आपस मिलते हैं तो एक संकर स्वरूप बनता है। हमने पहले भी कोरोना वायरस के साथ ऐसा होते देखा है, जिसे “एक्स” (जैसे एक्सडी, एक्सई और एक्सएफ) से शुरू होने वाले भिन्न नाम से दर्शाया गया है।

इन स्वरूपों के बारे में लेकिन हमें क्या समझना चाहिए? क्या ये चिंताजनक हैं? आइए सबसे पहले जानते हैं कि ये किस तरह फैल रहे हैं।

ब्रिटेन, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में, बीक्यू.1 का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।

ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) के हालिया आंकड़ों से अनुमान लगाया गया है कि देश में बीक्यू.1 के उप-वंशों (बीक्यू.1 और बीक्यू.1.1 सहित) से संक्रमण के 16.7 प्रतिशत जबकि अमेरिका में, बीक्यू.1 और बीक्यू.1.1 से संक्रमण के लगभग 35 प्रतिशत मामले सामने आए।

एशिया में एक्सबीबी का प्रकोप अधिक नजर आता है। ओएनएस के आंकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन में एक्सबीबी से संक्रमण के 0.7 प्रतिशत मामले सामने आए हैं। सिंगापुर में हाल ही में संक्रमण के जितने मामले सामने आए थे, उनमें से 58 प्रतिशत एक्सबीबी स्वरूप के थे।

लेकिन एक ओर जहां दुनिया भर में एक्सबीबी मामलों में वृद्धि देखी जा रही है तो दूसरी ओर सिंगापुर में इसके मामले कम होने लगे हैं।

वैज्ञानिक उन विभिन्न क्षेत्रों पर करीब से नजर रख रहे हैं जहां ये दोनों वेरिएंट पाए जा रहे हैं ताकि यह देखा जा सके कि कहां इनके ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

बीक्यू.1 और एक्सबीबी के बीच क्या अंतर है?

स्पाइक प्रोटीन (वायरस की सतह पर एक प्रोटीन, जो इसे हमारी कोशिकाओं में जाने देता है) के ‘रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन’ में कई साझा उत्परिवर्तन होने के कारण ओमीक्रोन स्वरूप सफल होते हैं।

रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) वायरस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो स्पाइक प्रोटीन पर स्थिति होता है। स्पाइक प्रोटीन आरबीडी को शरीर के रिसेप्टर में जाने देता है, जिसके बाद यह कोशिकाओं में जाकर संक्रमण फैलाता है।

बीक्यू.1 और एक्सीबी के बीच इनके रूप बदलने और अलग-अलग जगहों में फैलने लेकर एक महत्वपूर्ण अंतर है। स्पाइक प्रोटीन के जरिए वायरस हमारी कोशिकाओं को संक्रमित करता है और बीमारियों से रक्षा करने वाली हमारी एंटीबॉडी को निशाना बनाता है।

एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन के भीतर उत्परिवर्तन एक्सबीबी को, कोविड टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी को बेअसर करने मदद कर सकता है।

अध्ययन में कहा गया है कि हमने कोरोना वायरस के जितने स्वरूप देखे हैं उनमें एक्सबीबी एंटीबॉडी को चकमा देने के मामले में सबसे आगे है।

क्या हमें एक्सबीबी से चिंतित होना चाहिए?

बीक्यू.1 और इसके मूल स्वरूप बीए.5 की तुलना में एक्सबीबी के प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने की अधिक आशंका रहती है, जिसके चलते यह काफी अंदर तक फैल सकता है, जिससे वायरस का प्रकोप बढ़ सकता है।

अच्छी खबर यह है कि सिंगापुर के आंकड़ों के आधार पर, एक्सबीबी में बीए.5 की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 30 प्रतिशत कम होने का अनुमान लगाया गया है।

लेकिन हमारे पास अभी अन्य देशों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है इसलिए ऐसा हो सकता है कि एक्सबीबी और व्यापक रूप धारण कर ले।

इस बात की भी आशंका है ब्रिटेन आने वाले समय में कोरोना वायरस की दोहरी लहर का सामना करे। इनमें से एक लहर यूरोप और अमेरिका में फैले बीक्यू.1 से जबकि दूसरी लहर एशिया में फैले एक्सबीबी से उठ सकती है।

ऐसे में वक्त ही हमें बता सकता है कि एक्सबीबी बीए.5 या बीक्यू.1 की जगह लेगा, या फिर कोई अन्य स्वरूप अपने पांव पसारने के इंतजार में है।

(द कन्वरसेशन) जोहेब प्रशांत

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