वाशिंगटन, चार मार्च अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा है कि अमेरिका की विश्वसनीयता बहाल करते हुए और वैश्विक नेतृत्व का लक्ष्य रखते हुए वह यह सुनिश्चित करेगा कि हठधर्मी एवं सत्तावादी चीन नहीं बल्कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय एजेंडा तैयार करे।
प्रशासन ने कहा कि वह भारत तथा अन्य देशों के साथ नए नियमों और समझौतों को आकार देने के लिए मिल कर काम करेगा।
ये बातें बाइडन प्रशासन की बुधवार को जारी ‘इंटरिम नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटजिक गाइडेंस’ में कही गईं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह अमेरिका के उस दृष्टिकोण को पेश करता है कि कैसे हम अमेरिकी प्रभुत्व को देश में तथा विदेशों में आगे बढ़ाने के लिए इस दुर्लभ अवसर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
साकी ने कहा, ‘‘ यह बदले हुए रणनीतिक परिदृश्य की व्याख्या करता है, जिसका सामना आज अमेरिका कर रहा है और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सहित राष्ट्रीय हितों की रक्षा की बात को दोहराने के साथ ही ,आर्थिक समृद्धि और अवसर को बढ़ाने की भी बात करता है।’’
व्हाइट हाउस ने अपने ‘इंटरिम नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटजिक गाइडेंस’में कहा कि यह एजेंडा इसके स्थाई लाभ को और मजबूत करेगा और चीन अथवा किसी भी देश के साथ सामरिक प्रतिस्पर्द्धा में टिके रहने की ताकत देगा।
इसमें कहा गया,‘‘ अमेरिका की विश्वस्नीयता बहाल करते हुए और वैश्विक नेतृत्व का लक्ष्य रखते हुए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हठधर्मी एवं सत्तावादी चीन नहीं बल्कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय एजेंडा तैयार करे और हमारे हितों को आगे बढ़ाने वाले और हमारे मूल्यों को दर्शाने वाले नए नियमों और समझौतों को आकार देने के लिए भारत तथा अन्य देशों के साथ मिल कर काम करेंगे। ’’
गाइडेंस में कहा गया,‘‘ हम भारत के साथ अपनी साझेदारी को प्रगाढ़ करेंगे और साझा उद्देशों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए न्यूजीलैंड, सिंगापुर, वियतनाम और आसियान के अन्य सदस्य देशों के साथ मिल कर काम करेंगे।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)