नयी दिल्ली: अरब सागर के ऊपर मानसून के सक्रिय होने से सोमवार को मुंबई में बारिश हुयी और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुंबई और उसके उपनगरीय क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है. मौसम पूर्वानुमान बताने वाली एजेंसियों ने कहा है कि अगले दो दिनों में महानगर और महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में बारिश की तीव्रता बढ़ेगी. नगरवासियों को अगले दो दिनों तक बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गयी है.
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मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने कहा कि मुंबईवासियों को चार और पांच अगस्त को बाहर जाने से बचने की सलाह दी जाती है. उसने कहा कि छह अगस्त से इसकी तीव्रता घटने लगेगी. मौसम विभाग ने मछुआरों को भी सलाह दी है कि वे बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पूर्वी तट पर गहरे समुद्र में नहीं जाएं.
आईएमडी के ओडिशा केंद्र ने कहा कि मंगलवार को बंगाल की उत्तरी खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है. इससे राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश होगी. मौसम विज्ञान केंद्र ने मछुआरों को छह अगस्त तक गहरे समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है क्योंकि 50 किमी प्रति घंटे तक की गति वाली हवाएं चल सकती हैं. मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है जहां अभी तक मानसून बहुत सक्रिय नहीं रहा है.
उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों-दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में उमस भरा मौसम बना हुआ है. इन राज्यों में पिछले सप्ताह मानसून सक्रिय था. यह अब दक्षिण की ओर बढ़ गया है. यह अभी राजस्थान में गंगानगर और पिलानी, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के बांदा, पश्चिम बंगाल के बहरामपुर आदि क्षेत्रों से होकर गुजर रहा है. इसकी वजह से राजस्थान के कई क्षेत्रों में रविवार से मानसून की बारिश हुई. इससे कई स्थानों पर पानी भर गया। जयपुर में एक कार पानी में फंस गयी. स्थानीय लोगों ने कार में सवार लोगों को बचाया.
इस बीच उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि राज्य के 15 जिलों के 800 से अधिक गांव सरयू और राप्ती नदियों में आयी बाढ़ के कारण पानी में घिर गए हैं. उन्होंने कहा कि गोंडा, आजमगढ़ में तटबंध टूट गए हैं और उन्हें ठीक करने की कोशिश की जा रही है. असम में बाढ़ की स्थिति में सोमवार को काफी सुधार हुआ हालांकि एक और व्यक्ति की मौत हो गयी.
असम सरकार ने एक बुलेटिन में कहा है कि रविवार से बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या में 4.65 लाख की कमी आई है लेकिन 17 जिलों में लगभग 3.89 लाख लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं.
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