COVID-19: ओमिक्रॉन के XE वेरिएंट से बढ़ी टेंशन, विशेषज्ञों ने कहा- मास्क पहनना न छोड़ें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के नए एक्सई स्वरूप के मद्देनजर देश में मास्क के स्वैच्छिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और यह कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय है. दो साल से अधिक समय के बाद, महाराष्ट्र और दिल्ली में मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है.
नयी दिल्ली, 12 अप्रैल: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के नए एक्सई स्वरूप के मद्देनजर देश में मास्क के स्वैच्छिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और यह कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय है. दो साल से अधिक समय के बाद, महाराष्ट्र और दिल्ली में मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर सार्वजनिक रूप से मास्क पहनना अनिवार्य था और इस नियम का पालन नहीं करने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया. COVID-19 Vaccine: दूसरी और तीसरी डोज के बीच का अंतर होगा कम? अदार पूनावाला ने कहा- सरकार को देंगे प्रस्ताव.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार ब्रिटेन में पाए गए ओमीक्रोन स्वरूप के एक नए संस्करण एक्सई के खिलाफ चेतावनी जारी की है और सुझाव दिया है कि यह अब तक कोविड-19 के किसी भी वाहक की तुलना में अधिक संक्रमणकारी हो सकता है. एक्सई स्वरूप ओमीक्रोन के दोनों उप-स्वरूपों - बीए.1 और बीए.2 - का संयोजन या पुनः संयोजन है.
भारत पर नए संस्करण के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर विशेषज्ञों ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सार्वजनिक रूप से मास्क के स्वैच्छिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
देश में ओमीक्रोन की वजह से आई संक्रमण की लहर में फरवरी से गिरावट दर्ज की गई और तबसे देश में मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है.
गुजरात के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य में शनिवार को एक्सई स्वरूप का पहला मामला सामने आया जब अधिकारियों ने मुंबई के एक व्यक्ति से लिए गए नमूने के जीनोम अनुक्रमण परिणाम प्राप्त किए. इस व्यक्ति को 12 मार्च को वडोदरा की यात्रा के दौरान कोविड-19 जांच में संक्रमित पाया गया था.
इससे पहले, मुंबई नागरिक निकाय के अधिकारियों ने कहा था कि फरवरी के अंत में दक्षिण अफ्रीका से आई एक महिला मार्च में कोविड संक्रमित पायी गई थी और वह एक्सई स्वरूप से संक्रमित है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
प्रख्यात विषाणु विज्ञानी टी जैकब जॉन ने कहा कि एक्सई का मतलब है कि पहले से ही एक्सए, एक्सबी, एक्ससी और एक्सडी मौजूद थे लेकिन उनमें से किसी पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया.
उन्होंने ‘पीटीआई-’ को बताया, “एक्सई ने ध्यान आकर्षित किया क्योंकि यह ब्रिटेन में आम हो गया. इसमें ओमीक्रोन के बीए.2 वंश की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक संचरण क्षमता थी. कई मीडिया कर्मी इसे समझ नहीं पाए और इसे बीए.2 की तुलना में 10 गुना अधिक संचरणीय समझ बैठे. इस प्रकार, एक्सई कुख्यात हो गया.’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)