नयी दिल्ली, 20 दिसंबर : दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन के एक मामले में चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो-इंडिया और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर बुधवार को संज्ञान लिया. चार व्यक्तियों - लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक को अभियोजन शिकायत (ईडी के आरोप पत्र के बराबर) में आरोपी के रूप में नामित किया गया है.
विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को 19 फरवरी को तलब किया है. आरोपपत्र धनशोधन रोकथाम अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत इस महीने की शुरुआत में दायर किया गया था. ईडी ने दावा किया कि चारों आरोपियों की कथित गतिविधियों ने वीवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में सक्षम बनाया जो देश की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक था.
धनशोधन रोधी एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में वीवो-इंडिया और उससे जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ छापेमारी की थी और चीनी नागरिकों तथा कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े धनशोधन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में कर भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की भारी रकम "अवैध रूप से" चीन भेजी गई थी.
कंपनी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह "अपने नैतिक सिद्धांतों का दृढ़ता से पालन करती है और कानूनी अनुपालन के लिए समर्पित है."
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