सोलापुर, दो दिसंबर महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के एक गांव के निवासियों ने सोमवार को कहा कि उन्होंने मतपत्रों के जरिए ‘‘पुनर्मतदान’’ की योजना बनाई है, क्योंकि हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव के नतीजे ईवीएम की मौजूदगी के कारण संदिग्ध हैं।
निवासियों ने दावा किया कि मालशिरस विधानसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के विजेता उत्तम जानकर को मरकरवाडी गांव में अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते के मुकाबले 80 फीसदी से अधिक वोट मिले। उन्होंने कहा कि हालांकि, ईवीएम वोटिंग के अनुसार, जानकर को 1,003 वोट मिले, जबकि सतपुते को उनसे कुछ ही कम 843 मत मिले।
उन्होंने दावा किया कि सतपुते को उनके गांव से 100-150 से अधिक वोट नहीं मिले होंगे।
बीस नवंबर को हुए चुनाव में, जिसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए, जानकर ने सतपुते को 13,147 मतों से हराया।
एक ग्रामीण ने कहा कि ईवीएम के नतीजे संदिग्ध हैं और ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मतपत्रों का उपयोग करके पुनर्मतदान के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया।
ग्रामीणों ने बैनर लगाए हैं जिसमें दावा किया गया है कि तीन दिसंबर को "पुनर्मतदान" होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि इस घटना को संज्ञान में लेते हुए, मालशिरस एसडीएम ने सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत 2 से 5 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी, ताकि इस "पुनर्मतदान" योजना के कारण समूहों के बीच किसी भी संघर्ष से बचा जा सके।
यह तथाकथित पुनर्मतदान ऐसे समय में हो रहा है जब 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में महायुति की भारी जीत के बाद विपक्ष ने ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) पर संदेह जताया है।
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