चेन्नई, 12 दिसंबर भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश बृहस्पतिवार को सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने जिसके बाद उनके स्कूल वेलाम्मल विद्यालय में जश्न का माहौल था जो अपने इस स्टार का स्कूल परिसर में स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर यह गौरव हासिल किया।
वेलाम्मल संस्थानों के लंबे इतिहास में यह शानदार क्षण है जो शहर में शतरंज क्रांति के पीछे उत्प्रेरक ताकत है।
गुकेश और आर प्रज्ञानानंदा सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी बने हुए हैं, वहीं स्कूल सैकड़ों उभरते शतरंज खिलाड़ियों को विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान करता है।
वेलाम्मल में शतरंज के सह-समन्वयक एस वेलावन ने कहा, ‘‘शतरंज हमेशा से शहर की संस्कृति का हिस्सा रहा है और शतरंज को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के फैसले ने वास्तव में इसे फलने-फूलने में मदद की है। निश्चित रूप से प्रेरणा लेने के लिए उनके पास आनंद जैसे चैंपियन भी हैं। ’’
लेकिन फिलहाल वेलाम्मल में हर कोई विश्व चैंपियन गुकेश का स्कूल परिसर में स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
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