ताजा खबरें | वाहन स्क्रैपिंग नीति से सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, प्रदूषण व ईंधन खपत में भी आयेगी कमी : गडकरी

नयी दिल्ली, 18 मार्च सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नयी वाहन कबाड़ (स्क्रैपिंग) नीति को ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण सुधार करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इससे न सिर्फ ईंधन की खपत और तेल आयात में कमी आयेगी बल्कि सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा और वायु प्रदूषण में भी कमी आयेगी।

गडकरी ने दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा करते हुए एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस नीति को जर्मनी, ब्रिटेन, जापान जैसे देशों के विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर तैयार किया गया है और इस पर आम लोग 30 दिनों तक सुझाव दे सकेंगे।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इस नीति के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे।

उन्होंने कहा कि इसके तहत 15 लाख मध्यम और भारी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और वर्तमान में इनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है।

गडकरी ने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का आकार 7.50 लाख करोड़ रूपये का है और अगले पांच वर्षों में यह बढ़कर 10 लाख करोड़ रूपये का होने की उम्मीद है। उन्होंने दावा किया, ‘‘ पांच वर्ष में हिन्दुस्तान का ऑटोमोबाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच जायेगा।’’

उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत पुरानी गाड़ियां छोड़ कर नए वाहन खरीदने पर करीब पांच प्रतिशत की छूट का भी प्रस्ताव किया गया है और इस नीति से जीएसटी (माल एवं सेवा कर) में करीब 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।

गडकरी ने सांसदों सहित आम लोगों से धीरे-धीरे जैव ईंधन और विद्युत चालित वाहन अपनाने की अपील की।

वाहन स्क्रैपिंग नीति के फायदों का उल्लेख करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इससे अवशिष्ट धातु का पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग) हो सकेगा, सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी, मौजूदा वाहनों की बेहतर दक्षता के कारण ईंधन की खपत कम होगी जिससे तेल आयात में कमी आएगी और निवेश को गति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। इसके अलावा, प्लास्टिक, स्टील और तांबे जैसी पुनर्नवीकरणीय सामग्री का दोबारा उपयोग किया जा सकता है और इस प्रकार वाहनों की लागत कम हो सकती है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग से देश में वाहन बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा, जो वाहन उद्योग को बढ़ाएगा।

लिथियम आयन बैटरी का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि यह धारणा गलत है कि लिथियम बैटरी को बाहर से मंगाया जाता है जबकि 81 प्रतिशत लिथियम बैटरी देश में ही बनती हैं।

उन्होंने कहा कि एक साल में लिथियम आयन बैटरी पूर्ण रूप से भारत में बनने लगेंगी।

गडकरी ने कहा कि सार्वजनिक निजी गठजोड़ (पीपीपी) के तहत सरकार वाहन लाइसेंस संस्थान, फिटनेस सेंटर, प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की पहल कर रही है। सरकार इसमें सहयोग करेगी।

उन्होंने देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी होने का उल्लेख भी किया।

गडकरी ने राज्यसभा में विभिन्न सदस्यों द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए कहा कि काफी पुरानी (एंटीक) कारों को इस नीति में शामिल करने का इरादा नहीं है और ऐसी कारों के लिए एक अलग श्रेणी बनाया जाएगा और उनका संरक्षण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस नीति के लागू होने का असर सड़कों पर दिखेगा और सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण जितने लोगों की मृत्यु हो गयी, उससे ज्यादा लोगों की देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि हर साल करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में चली जाती है।

उच्च सदन में राजद के मनोज झा, द्रमुक के टी शिवा, कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल व पी भट्टाचार्य ने भी मंत्री से स्पष्टीकरण पूछे।

सरकार ने बजट में इस नीति का प्रस्ताव किया था।

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