वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कार्य पूरा करने के लिए एएसआई को आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया
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वाराणसी (उप्र), आठ सितंबर: वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया।

सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि जिला न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की आपत्ति को खारिज कर दिया और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण कार्य को पूरा करने के लिए एएसआई को आठ सप्ताह का और समय प्रदान किया.

सर्वेक्षण तब शुरू हुआ जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि यह कदम "न्याय के हित में आवश्यक" है और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को लाभ होगा.

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि अदालत ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने और उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए चार सितंबर तक का समय दिया था. उन्होंने बताया कि चार सितंबर तक सर्वेक्षण का काम पूरा नहीं होने पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के अधिवक्ता ने सर्वेक्षण के कार्य को पूरा करने और रिपोर्ट अदालत में जमा करने के लिए और आठ सप्ताह देने का अनुरोध किया था, जिस पर मुस्लिम पक्ष ने पिछली सुनवाई के दौरान अपनी आपत्ति प्रस्तुत की थी. मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति में कहा था कि अदालत ने ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था. एएसआई की टीम मलबा या कचरा हटाकर परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए अधिकृत नहीं है। एएसआई बिना अनुमति के ज्ञानवापी परिसर के तहखानों के साथ साथ अन्य स्थानों पर खुदाई कर के ढांचे की पश्चिमी दीवार पर मलबा जमा कर रहा है, इससे ढांचे के ढहने का खतरा हो सकता है.

मदन मोहन ने बताया कि मुस्लिम पक्ष के विरोध के चलते आज सर्वेक्षण का कार्य नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि एएसआई की टीम सर्वे करने के लिए पहुंची लेकिन सर्वे नहीं हो सका. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि जब तक अदालत का स्पष्ट आदेश नहीं आता तब तक सर्वेक्षण का काम नहीं होने दिया जाएगा. मदन मोहन ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी मुस्लिम पक्ष ने सर्वेक्षण का काम होने नहीं दिया. इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘अदालत के आज के आदेश की प्रति हमें नहीं मिली है। सोमवार को सम्भवतः हमे आदेश की प्रति मिलेगी। उसके बाद ही हम इस पर कुछ बोल पाएंगे।''

यासीन ने कहा, ‘‘अदालत के आदेश के अनुसार सर्वेक्षण की नीयत तिथि बीत चुकी है, उसके बाद जो भी सर्वेक्षण का कार्य है वह अमान्य है। हमने आज दोपहर तक सर्वेक्षण की कार्यवाही का विरोध किया। यदि अदालत समय सीमा बढ़ाती है तो वो हमें मान्य होगा.’’

प्रभारी जिला न्यायाधीश (एडीजे-प्रथम) संजीव सिन्हा ने गत शनिवार को मामले को जिला न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई के लिए आठ सितंबर को सूचीबद्ध किया था क्योंकि उस समय जिला न्यायाधीश छुट्टी पर थे. एएसआई की टीम यह निर्धारित करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रही है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था.

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