CM Ashok Gehlot से मिले वाल्मीकि के रिश्तेदार, उत्तर प्रदेश पुलिस से सुरक्षा मांगी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Photo Credits: PTI)

जयपुर, 22 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा में कथित रूप से पुलिस हिरासत में मरे अरुण वाल्मीकि के भरतपुर में रहने वाले पांच रिश्तेदारों ने शुक्रवार को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और उत्तर प्रदेश पुलिस से स्वयं को खतरा बताते हुए सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की.यह भी पढ़े: दिल्ली: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बैठक के बाद राहुल गांधी के आवस से निकले

परिजनों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार रात राजस्थान के भरतपुर जिले से उन्हें पकड़ा और चार दिन तक प्रताड़ित किया.भरतपुर से विधायक (राष्ट्रीय लोक दल) और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने यहां मुख्यमंत्री गहलोत के जोधपुर रवाना होने से पहले पीड़ितों की उनके साथ बैठक की व्यवस्था करवाई.

अरुण वाल्मीकि की पत्नी भरतपुर से ताल्लुक रखती हैं और आगरा के एक पुलिस थाने के मालखाने से हुई चोरी की घटना में अरुण के संदिग्ध पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके परिवार के सदस्यों को कथित तौर रूप से पकड़ा था.मंत्री गर्ग ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश पुलिस उन्हें लेकर गई और हिरासत में परेशान किया. अरुण का साला तो ठीक से चल भी नहीं पा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज उनकी बात सुनी और भरतपुर के पुलिस अधीक्षक से बात की. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है. ’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पीड़ित परिवार के साथ है. अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को आगरा में अरुण वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात की.अरुण वाल्मीकि सफाई कर्मचारी था, जिस पर आगरा के जगदीशपुरा पुलिस थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी का आरोप लगा है.

पुलिस ने चोरी की राशि बरामद करने के लिए अरुण की निशानदेही पर मंगलवार को आगरा स्थित उसके मकान की तलाशी ले रही थी. उसी दौरान आरोपी अरुण की तबियत खराब हुई और उसकी मौत हो गई. हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से दावा कर रही है अरुण की मौत हृदयाघात से हुई है.

अरुण के पांच रिश्तेदारों में से एक ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम शनिवार रात अरुण की तलाश में भरतपुर स्थित उनके घर आई थी. रिश्तेदार के अनुसार, ‘‘हमें अरुण के ठिकाने की जानकारी नहीं थी. पुलिस हमें अपने साथ ले गई और चार दिन तक वहीं रखा. हमें पीटा, अरुण के पकड़े जाने पर भी पैसे की मांग की. ’’रिश्तेदार ने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री गहलोत को अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने हमसे चिंता नहीं करने को कहा.  उन्होंने हमें सुरक्षा का आश्वासन दिया है. ’’

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