नयी दिल्ली, 22 नवंबर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों तथा डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
विशेषज्ञों ने कहा कि इसके अलावा कोविड-19 के टीके से संबंधित खबरों, अमेरिका में प्रोत्साहन उपायों की चर्चा तथा वैश्विक रुख बाजार की दिशा तय करेंगे।
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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे चलकर बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के साथ वैक्सीन के जुड़ी खबरों पर सभी की निगाह रहेगी। इसके अलावा निवेशक अमेरिका में प्रोत्साहन उपायों से संबंधित घोषणा का भी इंतजार कर रहे हैं।’’
सैमको सिक्योरिटीज की शोध विश्लेषक निराली शाह ने कहा कि आगे बड़े शेयरों में करेक्शन आ सकता है। तिमाही नतीजों का सीजन समाप्त हो गया है। ऐसे में निवेशकों की निगाह वैश्विक संकेतकों तथा वैक्सीन से जुड़ी खबरों पर रहेगी।
चॉइस ब्रोकिंग के कार्यकारी निदेशक सुमीत बगाड़िया ने कहा कि अभी बाजार अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर कारोबार कर रहा है। ऐसे में आगे चलकर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 439.25 अंक या 1.01 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 139.10 अंक या 1.09 प्रतिशत चढ़ा।
शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 3,860.78 करोड़ रुपये के शेयर खरीद।
निराली शाह ने कहा कि एफपीआई नवंबर के पहले दो सप्ताह के बाद अब आक्रामक तरीके से लिवाली नहीं कर रहे हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से अब वैश्विक बाजार सतर्क तरीके से आगे बढ़ रहे है। वैक्सीन का वितरण कितना प्रभावी रहेगा, आगे चलकर इससे जुड़ी खबरें बाजार को दिशा देंगी।’’
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