Uttarakhand: चारों धामों की पूजा का लाइव प्रसारण नहीं होगा
Uttarakhand ( Photo Credits: Wikimedia Commons)

देहरादून, 17 जुलाई : उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Uttarakhand Chardham Devasthanam Board) को भंग करने की मांग को लेकर जारी तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन के बीच प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सभी शंकाओं का समाधान किया जाएगा और चारों धामों की पूजा का सजीव प्रसारण नहीं होगा. दूसरी ओर, गंगोत्री और यमुनोत्री के बाद बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में भी तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया और मांगें पूरी नहीं होने पर उसमें और तेजी लाने की चेतावनी दी है.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां हुई बोर्ड की एक अहम बैठक के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया है कि बोर्ड को लेकर उपजी शंकाओं को दूर किया जाएगा और इसी क्रम में तीर्थ पुरोहितों के साथ बातचीत जारी रहेगी. बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार का काम मंदिरों की आंतरिक व्यवस्थाओं पर अधिकार करना नहीं बल्कि सहयोग करना है और हमारा उद्देश्य मन्दिर परिसरों की सुविधाओं के विकास में सहयोगी बनना है.

बोर्ड के सदस्यों से इस संबंध में सभी पक्षों को अवगत कराने की अपेक्षा करते हुए धामी ने कहा कि इस बारे में सभी संबंधित लोगों से वार्ता भी की जायेगी. धामों, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहित लंबे समय से बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में लाए गए एक अधिनियम के जरिए बोर्ड का गठन किया गया और उसे चारधाम सहित 51 मंदिरों के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गयी, जिसे अपने अधिकारों का हनन मानते हुए तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर रहे हैं. धामी के पूर्ववर्ती तीरथ सिंह रावत ने चारों धामों को देवस्थानम बोर्ड के दायरे से बाहर करने की घोषणा की थी लेकिन इस दिशा में कुछ होने से पहले ही उनकी पद से विदाई हो गयी. बोर्ड की बैठक में धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मन्दिरों के गर्भगृह से सीधा प्रसारण नहीं किये जाने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. यह भी पढ़ें : ओडिशा में 641 करोड़ रुपये के नकली GST चालान का पदार्फाश, 2 गिरफ्तार

गौरतलब है कि एक जुलाई से स्थानीय लोगों के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर रोक लगाते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से मंदिरों के अंदर होने वाली पूजाओं के देशव्यापी सजीव प्रसारण को कहा था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा संचालित नहीं होने की दशा में आवश्यकता पड़ने पर बोर्ड को अतिरिक्त वित्तीय सहायता दिये जाने पर भी विचार किया जायेगा जिसके लिए उन्होंने बोर्ड में संशोधित प्रस्ताव लाने को कहा. केदारनाथ धाम में पूजा और यात्रा व्यवस्था के सफल संचालन हेतु बनाए गए मास्टर प्लान के अनुसार आधारभूत संरचनाओं के निर्माण कार्य के लिए कन्सलटेंट चयनित करने पर भी बैठक में सहमति दी गई.