देहरादून, छह अगस्त उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर रविवार को जारी बारिश के बीच टिहरी जिले में एक मकान की दीवार ढहने से उसकी चपेट में आकर दो बच्चों की मृत्यु हो गयी जबकि रूद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में भूस्खलन के बाद लापता 20 लोगों को ढूंढने के लिए अभियान चला रहे दलों को तीसरे दिन भी उनका कोई सुराग नहीं मिला।
गौरीकुंड में हुए भूस्खलन के बाद कुल 23 लोग लापता हुए थे जिनमें से तीन लोगों के शव उसी दिन मलबे से बरामद कर लिया गया था।
देहरादून के प्रसिद्ध सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल पर नहाने के दौरान उत्तर प्रदेश से आयी एक पर्यटक बह गयी। हालांकि, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने उसे सुरक्षित बचा लिया ।
पुलिस ने बताया कि टिहरी की धनोल्टी तहसील के चंबा क्षेत्र के मरोड़ गांव में भारी बारिश के कारण एक मकान की दीवार ढह गयी जिससे मकान में सो रहे दो बच्चों की मलबे में दबने से मृत्यु हो गयी और उनके दादा घायल हो गए।
चंबा के थानाध्यक्ष एलएस बुटोला ने बताया कि शनिवार और रविवार की दरमियानी रात दो बजे के लगभग भारी बारिश के दौरान प्रवीण दास नाम के व्यक्ति के मकान की पीछे की दीवार ढह गयी जिससे कमरे में सो रहे उनके दोनों बच्चे स्नेहा (12) और रणवीर (10) मलबे के नीचे दब गये और उनकी मौत हो गयी।
बच्चों के साथ सो रहे उनके दादा प्रेमदास (60) के पैर में हल्की चोट आई है।
उधर, देहरादून के सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल पर नहाते समय एक युवती बह गयी। पुलिस ने बताया कि मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने बचाव और राहत अभियान चलाया और इस दौरान घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर युवती बेहोशी की हालत में मिली ।
उन्होंने बताया कि रस्सियों की सहायता से युवती को पानी से सुरक्षित बाहर निकाला गया तथा अस्पताल पहुंचाया गया। युवती की पहचान मुजफ्फरनगर की रहने वाली 20 वर्षीय स्वाति जैन के रूप में हुई है।
इस बीच, गौरीकुंड भूस्खलन में लापता 20 लोगों की तलाश के लिए तीसरे दिन भी अभियान जारी रहा लेकिन अभी तक उनका कुछ पता नहीं चला है।
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि गौरीकुंड डाटपुलिया के समीप शुक्रवार को भू-स्खलन के बाद लापता लोगों की खोज के लिए रविवार को घटना स्थल व मंदाकिनी नदी के किनारे धारी देवी से लेकर कुंड बैराज तक तलाशी अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान में ड्रोन कैमरों की सहायता भी ली जा रही है।
रजवार ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ), एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन दलों द्वारा चलाए जा रहे खोज अभियान में अभी तक किसी लापता का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
दूसरी ओर हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सड़क के किनारे बनी दुकानों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है ।
जेसीबी के जरिए राजस्व विभाग ने शनिवार को कुछ दूकानें हटायी थीं।
ऊखीमठ के उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि खतरे की आशंका को देखते हुए गौरीकुंड में लोग खुद ही सड़क के किनारे अपने अस्थाई दुकानें हटा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रशासन खतरे वाले निर्माण कार्यों को अलग-अलग श्रेणी के आधार पर चिह्नित कर रहा है। अत्यधिक खतरे वाले चार पक्के मकानों को प्रशासन ने हटाया है जबकि अन्य अस्थाई दुकानों को उनके संचालक स्वयं हटा रहे हैं ।
दीप्ति दीप्ति धीरज
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