देहरादून, 21 नवंबर उत्तराखंड सरकार प्रदेश में अन्तर्जातीय और अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए किसी अन्य जाति या धर्म के व्यक्ति से विवाह करने वालों को 50,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दे रही है।
प्रदेश के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि यह प्रोत्साहन राशि कानूनी रूप से पंजीकृत अंतरधार्मिक विवाह करने वाले सभी दंपत्तियों को दी जाती है। अंतरधार्मिक विवाह किसी मान्यता प्राप्त मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर या देवस्थान में संपन्न होना चाहिए ।
उन्होंने बताया कि अंतरजातीय विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि पाने के लिए दंपत्ति में से पति या पत्नी किसी एक का भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार, अनुसूचित जाति का होना आवश्यक है ।
टिहरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने बताया कि राष्ट्रीय एकता की भावना को जागृत रखने तथा समाज में एकता बनाए रखने के लिए अंतरजातीय एवं अंतरधार्मिक विवाह काफी सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसे विवाह करने वाले दंपत्ति शादी के एक साल बाद तक प्रोत्साहन राशि पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं ।
वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद इससे संबंधित नियमावली को जैसे का तैसा स्वीकार कर लिया गया था और ऐसे विवाह करने वाले दंपत्तियों को 10,000 रुपए दिए जाते थे। वर्ष 2014 में इसमें संशोधन कर इस प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया ।
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